BHOPAL. मध्यप्रदेश की तीन नगर सरकारों यानी नगरीय निकायों के अध्यक्षों के खिलाफ वहां के उपाध्यक्षों ने ही मोर्चा खोल दिया है। हालात यह है कि भिंड, बीनागंज-चांचौड़ा और गुना में जिलास्तर पर बीजेपी डैमेज कंट्रोल नहीं कर सकी तो प्रदेश संगठन तक मामला पहुंचा। गुना नगरपालिका अध्यक्ष ने अपनी ही पार्टी के उपाध्यक्ष पर मानहानि का केस किया तो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दोनों नेताओं को फोन करके मामले को शांत करने की नसीहत दी।
भिंड नगर पालिका में भ्रष्टाचार का मामला
भिंड नगरपालिका में पांच साल में 3510 ऑफलाइन 34.74 करोड़ के निर्माण कार्यों की जांच को लेकर बजट सत्र में विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह ने प्रश्न लगाया है। सोमवार को वह नगरीय प्रशासन में कार्रवाई की मांग को लेकर पहुंचे। उन्होंने इसे लेकर मंत्री से जल्द कार्रवाई की मांग की है। अब सात दिन के भीतर यहां भ्रष्टाचार की जांच नगरीय प्रशासन भोपाल की टीम करके सरकार को देगी। उधर, बीनागंज चांचौड़ा नगर परिषद में अध्यक्ष पति पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, इसे लेकर भी राजनीति गरमा गई है।
दो साल से अध्यक्ष इंदौर में, पति पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप
नगर परिषद बीनागंज-चांचौड़ा की उपाध्यक्ष कल्लू रश्मि शर्मा ने बताया कि पिछले दो वर्ष से अध्यक्ष सुनीता नाटानी इंदौर में रह रही हैं। यहां अगर कोई समस्या होती है तो कोई सुनवाई करने वाला नहीं है। उनके पति प्रदीप भल्लू नाटानी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। बीजेपी की यहां नगर सरकार है। उनके पार्षदों की ही सुनवाई नहीं हो रही है। अध्यक्ष 15 अगस्त और 26 जनवरी को नगर परिषद में केवल झंडावंदन करने के लिए आती हैं। 15 वार्डों में रहने वाले रहवासियों के नामांतरण नहीं हो पा रहे हैं। यहां हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए कलेक्टर ने भी एक टीम गठित की थी। एसडीएम को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। दो महीने में जांच पूरी नहीं हो सकी।
उन्होंने कहा कि वह अपनी ही पार्टी की नगर परिषद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रही हैं। 15 में से 13 पार्षदों का उन्हें समर्थन हासिल है। कल्लू रश्मि शर्मा का कहना है कि नगर परिषद अध्यक्ष पति पर मुख्यमंत्री जल आवर्धन योजना में भी ठेकेदार से 35 लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर उन्होंने बीजेपी जिला अध्यक्ष धर्मेंन्द्र सिकरवार को आवेदन दिया है। जिलाध्यक्ष ने भी इस मामले को भोपाल तक पहुंचाने की बात कही है।
भिंड नपा अध्यक्ष के खिलाफ पार्टी विधायक ने ही खोला मोर्चा
नगर पालिका भिंड में पिछले 5 वर्षों में 34.74 करोड़ रुपए के ऑफलाइन निर्माण कार्यों की जांच भोपाल की टीम से कराई जा रही है, लेकिन आज तक यह जांच पूरी नहीं हुई। बजट सत्र में भिंड बीजेपी विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह ने नगर पालिका में प्रश्न लगाया कि नगरीय प्रशासन मंत्री के आश्वासन के बाद जांच दल ने साल 2019 से 2023 तक 99 हजार रुपए तक की लगभग 3510 नस्तियों का भौतिक सत्यापन किया था। जिसकी रिपोर्ट विभाग को प्रस्तुत की गई है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि जांच टीम ने कूटरचित प्रतिवेदन तैयार कर जांच को प्रभावित किया गया है। इसी को लेकर वह नगरीय प्रशासन के दफ्तर में अधिकारियों से मिलने सोमवार को पहुंच गए। जहां पर सात दिन के भीतर शासन को रिपोर्ट भेजने की बात कही गई। सबसे अहम बात तो यह है कि भिंड नगरपालिका अध्यक्ष पद पर बीजेपी के मेंडेट से जीती वर्षा वाल्मीक काबिज है, लेकिन अब भिंड से बीजेपी विधायक नरेंद्र कुशवाह ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विधायक की बगावत के बाद बीजेपी पार्षदों ने भी अध्यक्ष के खिलाफ बगावत कर दी है। विधायक के भोपाल स्थित सरकारी आवास पर सोमवार की सुबह नपा अध्यक्ष के चाचा ससुर सुनील वाल्मीक राजीनामा करने भी पहुंचे थे, लेकिन विधायक की यह नाराजगी बताई जा रही है कि वह पूर्व विधायक संजीव सिंह गुट से है।
मामले में सिंधिया ने किया हस्ताक्षेप
गुना नगर पालिका में बीजेपी की नगर सरकार है। यहां पर अध्यक्ष सविता अरविंद गुप्ता और उपाध्यक्ष धर्म सोनी के बीच भ्रष्टाचार और नपा में नामातंरण की फाइलों को लेकर शीत युद्ध चल रहा था। दोनों ही एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करने लगे। एक महीने तक चले विवाद के बीच नपा अध्यक्ष सविता अरविंद गुप्ता ने उनके खिलाफ मानहानि का केस न्यायालय में लगाया। उसके बाद दिल्ली से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दोनों ही लोगों को मोबाइल पर समझाइश दी। उपाध्यक्ष धर्म सोनी का कहना था कि सिंधिया ने फोन करके कहा कि पार्टी गाइडलाइन से काम करें। उसके बाद अध्यक्ष पति से समझौता हो गया है। अब नपा सुचारू रूप से चल रही है।
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अध्यक्ष के ससुर बोले- 100 करोड़ का भिंड नपा में घोटाला
नगरपालिका अध्यक्ष वर्षा वाल्मीक के चाचा ससुर बोले सोमवार को उनकी बीजेपी विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह से मुलाकात हुई है। उन्होंने भिंड नपा में हुए करीब 35 करोड़ के घोटाले को लेकर विधानसभा में प्रश्न लगाया है। यह घोटाला बहुत छोटा है। आरोप है कि भिंड नपा में कोरोना काल से लेकर अब तक 100 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इसमें अध्यक्ष का कोई दोष नहीं है। सीएमओ से लेकर अधिकारी अध्यक्ष की सुनते नहीं हैं। दोषी अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। विधायक से उनके पारिवारिक संबंध हैं।
गुना के मामले में बीजेपी जिला अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिकरवार का कहना है कि नगर सरकार के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के बीच झगड़ चल रहा था। उसका निराकरण हो गया है। अब बीनागंज-चांचौड़ा में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के बीच जो भी झगड़ा चल रहा है, उसे बिठाकर सुलझा लिया जाएगा।
मामले में भिंड बीजेपी जिलाध्यक्ष देवेंद्र नरवरिया का कहना है कि भिंड नपा में घोटाला हुआ है तो कार्रवाई होनी चाहिए। विधायक ने प्रश्न उठाया है। यहां पर अविश्वास जैसी कोई स्थिती नहीं है। नपा अध्यक्ष अगर भ्रष्टाचार में लिप्त होंगी, तो कार्रवाई होगी।
दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो
भिंड विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह का कहना है कि भिंड नगर पालिका में बड़े स्तर पर आर्थिक घोटाला हुआ है। दोषी तत्कालीन अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही जो भी इंजीनियर से लेकर अधिकारी कर्मचारी इसमें संलिप्त हैं, उस पर कार्रवाई की जाए। विधानसभा में प्रश्न लगाया है। आज मैं नगरीय प्रशासन भोपाल के कार्यालय भी गया था।
भिंड नपा सीएमओ यशवंत वर्मा का कहना है कि भिंड में हुए घोटाले की जांच भोपाल की टीम कर रही है। पांच से सात दिन में रिपोर्ट आ जाएगी। विधायक ने विधानसभा में भी प्रश्न लगाया है। जांच के बाद दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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