इस्तीफे की पेशकश करने वाले देवरी के बीजेपी विधायक बृजबिहारी पटेरिया ( Brijbihari Pateriya ) को पार्टी ने अंतत: मना ही लिया। हालांकि BJP के अंदर असंतोष के सुर अभी भी शांत नहीं हुए हैं। पार्टी के वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव ने सोशल मीडिया पर लंबी पोस्ट के जरिए अपनी असंतुष्टि जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि विधायक के धरने पर बैठने के बावजूद FIR न होने की स्थिति दुखद है। भार्गव ने सरकारी कर्मचारियों की कार्यप्रणाली और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार पर भी सवाल उठाए।
नाराज विधायकों को मनाने में जुटी BJP
पटेरिया के इस्तीफे की पेशकश के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा सक्रिय हो गए हैं। BJP ने सभी नाराज विधायकों को भोपाल बुलाया है। आने वाले दिनों में भोपाल में विधायकों की बैठकों का सिलसिला शुरू होने की संभावना है। पार्टी के कई विधायक, जिनमें प्रदीप पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, अजय विश्नोई, संजय पाठक और प्रीतम लोधी शामिल ने पिछले कुछ महीनों में अपनी नाराजगी जाहिर की है।
इधर BJP विधायकों की नाराजगी पर कांग्रेस ने भी कटाक्ष किया है। Congress का कहना है कि मप्र सरकार को अपने ही घर से शह मिल रही है। उन्होंने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि भाजपा के विधायक सरकारी तंत्र में उपेक्षा और अनसुनी का शिकार हो रहे हैं। कांग्रेस ने ऐसे विधायकों की सूची भी जारी की है, जिनके अनुसार उनकी समस्याओं को अनदेखा किया गया है।
कौन किस बात से नाराज?
- प्रदीप पटेल (मऊगंज) : शराब माफिया को संरक्षण देने के खिलाफ पुलिस पर नाराज हैं।
- अजय विश्नोई (पाटन) : पार्टी के हर नाराज विधायक के साथ खड़े हैं।
- गोपाल भार्गव (रहली) : महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार से खफा हैं।
- प्रदीप लारिया (नरयावली) : अवैध शराब की बिक्री और जुए के मुद्दों पर नाराज हैं।
- संजय पाठक (विजयराघवगढ़) : उन्हें अपनी जान का खतरा महसूस होता है और उन्हें धमकी भी मिली है।
- प्रीतम लोधी (पिछोर) : पुलिसकर्मियों की जातिगत टिप्पणी से नाराज हैं।
- कैलाश विजयवर्गीय (इंदौर-1) : नशीले पदार्थों की बिक्री को लेकर नाराज हैं।
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