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मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) ने शिक्षा सत्र 2024-25 से 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में बड़ा बदलाव करने का निर्णय लिया है। अब पूरक परीक्षा (supplementary examination) का प्रावधान खत्म किया जा रहा है। इसके स्थान पर दो मुख्य परीक्षाओं (main examinations) का आयोजन होगा।
पहली मुख्य परीक्षा के बाद फेल होने वाले विद्यार्थियों के लिए जुलाई में दूसरे अवसर की मुख्य परीक्षा आयोजित की जाएगी। इस निर्णय को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत लागू किया जा रहा है। इस नई प्रणाली से विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई में सुधार करने का अधिक मौका मिलेगा। परीक्षा परिणाम में उन विषयों के अच्छे अंकों का लाभ मिलेगा, जिसमें विद्यार्थी ने बेहतर प्रदर्शन किया होगा।
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सत्र 2024-25 से लागू होगा नया मॉडल
इस बदलाव को शिक्षा सत्र 2024-25 से लागू किया जाएगा। मंडल की साधारण सभा में ये निर्णय लिया गया है और इसे शासन को भेजा जा चुका है। जल्द ही इस पर अंतिम मंजूरी दी जाएगी। बता दें कि, पहली मुख्य परीक्षा 24 फरवरी 2025 से शुरू होगी। इसके बाद जुलाई में दूसरी मुख्य परीक्षा आयोजित की जाएगी।
पूरक परीक्षा का ऑप्शन नहीं
अब विद्यार्थियों को पूरक परीक्षा का विकल्प नहीं मिलेगा। यदि कोई छात्र एक या अधिक विषयों में फेल होता है, तो वह द्वितीय अवसर की मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकेगा। इस परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर विद्यार्थियों की अंतिम अंकसूची तैयार की जाएगी। गुजरात और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में यह मॉडल पहले ही लागू हो चुका है।
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रुक जाना नहीं योजना
अब तक फेल होने वाले विद्यार्थी राज्य ओपन बोर्ड की 'रुक जाना नहीं' योजना के तहत परीक्षा में शामिल होते थे। लेकिन नए नियम के तहत अब ऐसे सभी विद्यार्थी सीधे द्वितीय अवसर की मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। पिछले वर्ष करीब 2.20 लाख विद्यार्थियों को पूरक (Supplement) मिली थी, जबकि 5.60 लाख विद्यार्थी फेल हुए थे। इस बदलाव का उद्देश्य परीक्षा में अधिक पारदर्शिता और बेहतर परिणाम देना है।
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कैसे होगा परीक्षा का आयोजन
यदि कोई विद्यार्थी मुख्य परीक्षा में एक या दो विषय में फेल होता है या कम अंक लाता है, तो वो दूसरी मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकता है। विद्यार्थी चाहे तो केवल उन विषयों की परीक्षा दे सकता है, जिसमें उसने खराब प्रदर्शन किया है या फिर सभी विषयों की परीक्षा भी दे सकता है। अंतिम परिणाम में उसे उन विषयों में अच्छे अंकों से पास किया जाएगा।
वहीं, द्वितीय अवसर की परीक्षा में जो विद्यार्थी अपने प्रदर्शन में सुधार करेंगे, उनके अच्छे अंकों के आधार पर फाइनल रिजल्ट तैयार किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग के उपसचिव ओएल मंडलोई ने बताया कि, ये बदलाव विद्यार्थियों के हित में किया जा रहा है ताकि उन्हें अपनी गलतियों को सुधारने का अवसर मिल सके।
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