मध्य प्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (माशिम) की 10वीं और 12वीं परीक्षा परिणाम 2025 में एक गंभीर समस्या सामने आई है। कई स्कूलों ने प्रोजेक्ट और प्रैक्टिकल परीक्षा के आंतरिक मूल्यांकन के अंक माशिम के ऑनलाइन पोर्टल पर जमा नहीं किए, जिससे छात्रों का परिणाम प्रभावित हुआ है। इस वजह से सैंकड़ों छात्र फेल घोषित हो गए, जबकि उनकी लिखित परीक्षा के अंक अच्छे थे।
प्रोजेक्ट और प्रैक्टिकल परीक्षा की अहमियत
10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में कुल 50 अंक प्रोजेक्ट (20 अंक) और प्रैक्टिकल (30 अंक) के होते हैं। ये अंक स्कूल स्तर पर लिए जाते हैं और बाद में माशिम के ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किए जाते हैं। परीक्षा परिणाम इसी आधार पर तैयार होता है।
स्कूलों की लापरवाही हुई गड़बड़ी
कई स्कूलों ने या तो अंक पूरी तरह से माशिम को नहीं भेजे या आधे-अधूरे नंबर अपलोड किए। इसके कारण बोर्ड के रिजल्ट में बड़ी गड़बड़ी आई और कई छात्र फेल घोषित कर दिए गए।
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छात्रों को दूसरी परीक्षा के लिए कर रहे मजबूर
अब स्कूल अपनी गलती छिपाने के लिए फेल छात्रों को दूसरी परीक्षा के लिए आवेदन करने को मजबूर कर रहे हैं। 28 विद्यार्थियों ने आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई है, जिनमें से कई शिकायतें स्कूल प्राचार्य और जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा भी अग्रसारित की गई हैं।
बोर्ड ने गलती से इनकार किया
माशिम के अधिकारियों का कहना है कि इस समस्या के लिए बोर्ड जिम्मेदार नहीं है, बल्कि यह पूरी तरह स्कूलों की गलती है।
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दूसरी परीक्षा का विकल्प
जो छात्र फेल हुए हैं, उन्हें दूसरी परीक्षा के लिए आवेदन करना होगा। अगर वे पुनः परीक्षा नहीं देना चाहते तो उनके आंतरिक मूल्यांकन और सैद्धांतिक परीक्षा के अंक मिलाकर रिजल्ट तैयार किया जाएगा।
आवेदन शुल्क
दूसरी परीक्षा के लिए आवेदन शुल्क 500 रुपये प्रति विषय है। आमतौर पर छात्र 5-6 विषयों के लिए आवेदन करते हैं, जिससे कुल शुल्क 2500-3000 रुपये तक पहुंच जाता है। आवेदन की अंतिम तारीख 31 मई 2025 है। परीक्षा 17 जून से शुरू होगी।
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दो केस से समझिए पूरा मामला...
मामला 1: प्रेमसिंह कुशवाहा (सागर)
12वीं के प्रेमसिंह ने लिखित परीक्षा में अच्छे अंक हासिल किए, लेकिन संस्कृत के प्रोजेक्ट में केवल 1 अंक दिए जाने से वह फेल हो गए। अब उन्हें दूसरी परीक्षा के लिए आवेदन करने का दबाव है।
मामला 2: वैष्णवी कुशवाहा (सागर)
सामाजिक विज्ञान में आंतरिक मूल्यांकन के अंक न होने की वजह से वैष्णवी को भी फेल घोषित कर दिया गया। उन्होंने स्कूल प्राचार्य को आवेदन दिया है, लेकिन उन्हें भी दूसरी परीक्षा के लिए आवेदन करना पड़ रहा है।
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परीक्षा परिणाम में अंतर: मार्च और जून
माध्यमिक शिक्षा मंडल की पहली और दूसरी परीक्षा की अंकसूची एक समान रहेगी, केवल तारीख़ में अंतर होगा। मार्च में परीक्षा देने वाले छात्रों की अंकसूची पर ‘मार्च 2025’ और जून परीक्षा देने वालों की अंकसूची पर ‘जून 2025’ अंकित होगा।
एमपी बोर्ड | 10वीं-12वीं रिजल्ट
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