संजय गुप्ता@INDORE. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा बुधनी में बन रहे उनके ड्रीम प्रोजेक्ट मेडिकल कॉलेज में ही घोटाला हो गया है। सरिया घोटाला। यहां प्राइमरी सरिया लगना था, लेकिन जिस कंपनी को यह ठेका मिला, उसने देवास की एक सरिया कंपनी का जो सेकंडरी सरिया बनाती है, वह लेकर लगा दिया गया। इसी सिंगल कंपनी को सभी मेडिकल कॉलेजों में का ठेका मिला है। यह घोटाला 100 करोड़ का बताते हुए अब लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में शिकायत हुई है। साथ ही पीएमओ को भी शिकायत गई है।
यह है सरिया घोटाला
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश यादव ने इस मामले में शिकायत सभी स्तर पर भेजी है। इसमें कहा गया है कि मप्र में दस मेडिकल कॉलेजों के निर्माण में गुजरात की एक ही कंपनी जेपी कंस्ट्रक्शन प्रा. लिमिटेड एंव एमपीबीडीसी के भ्रष्ट अधिकारियों ने बुधनी मेडिकल कॉलेज निर्माण कार्य में सरिया खरीदी में करोड़ों का भ्रष्टाचार किया है। दस से ज्यादा मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य षड्यन्त्र पूर्वक एमपीबीडीसी एंव पीडब्ल्यूडी ने संयुक्त रूप से गुजरात राजकोट की कंपनी जेपी स्ट्रक्चर प्रा. लिमिटेड को दिया हैं। कंपनी ने एमपीबीडीसी के अधिकारियों के साथ मिलकर बुधनी सहित समस्त मेडिकल कॉलेजों में अमानक अनाधिकृत सरिये का इस्तेमाल करके 100 करोड़ से ज़्यादा का घोटाला किया हैं।
इस तरह षड़यंत्र कर लगाया जिंदल के नाम का सरिया
राकेश यादव ने कहा कि एमपीबीडीसी में क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी अजय श्रीवास्तव ने स्वीकार किया हैं कि देवास की सरिया फैक्ट्री गणपति स्ट्रक्चर प्रा.लि. से जिंदल मार्का का बुधनी प्रोजेक्ट के लिए अमानक सरिया बुधनी मेडिकल कॉलेज में सप्लाई हुआ हैं। देवास की गणपति सरिया सप्लायर तो एमपीबीडीसी में एप्रूव्ड की लिस्ट में शामिल ही नहीं है, यानी उनके प्रोजेक्ट में यह सरिया सप्लाय नहीं कर सकती है। जबकि बुधनी मेडिकल कॉलेज में प्राइमरी सरिया ही लगाना टेंडर में निर्धारित था। लेकिन षड्यंत्र पूर्वक जिंदल के नाम का सेंकडरी सरिया लगाया गया। बुधनी में ही लगभग 16 करोड़ का घोटाला है। अभी तक बुधनी मेडिकल कॉलेज निर्माण में लगभग 7 हजार टन जिंदल सरिया लगाया गया हैं। जो प्राइमरी सरिया नहीं हैं।
दोनों सरिया के भाव में 8 हजार का अंतर
देवास में निर्मित जिंदल मार्का सरिये और जिंदल पैंथर प्राइमरी सरिया के रेट में 7 से 8 हजार रुपए टन का अंतर हैं। सेकेंडरी सरिया बेहद सस्ता हैं। इसलिए इसका उपयोग किया और देवास की गणपति कंपनी ने भी यह सरिया जेपी कंसट्रक्शन को दिया।
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इन बिंदुओं पर जांच की मांग
- बुधनी मेडिकल कॉलेज में पिछले 5 माह से जिंदल का सेकेंडरी सरिया प्राइमरी सरिया बताकर निर्माण कार्य में लगाया गया तब एमपीबीडीसी के भ्रष्ट अधिकारियों ने कार्यवाही क्यों नहीं की?
- देवास से जिंदल मार्का लगाकर सेकेंडरी सरिया बनाने वाली कंपनी गणपति स्ट्रक्चर प्रा.लिमिटेड से बुधनी प्रोजेक्ट के लिए अमानक सरिया खरीदने के लिए जिम्मेदार गुजरात की कंपनी जे.पी.कंस्ट्रक्शन प्रा.लिमिटेड के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर ब्लेक लिस्ट नहीं किया गया।
- बुधनी मेडिकल कॉलेज में प्राइमरी की जगह देवास में निर्मित सेकेंडरी सरिया लगभग 7000 टन निर्माण में उपयोग किया गया है। घटिया निर्माण को तोड़ने एंव फिर से निर्माण करने की लागत वसूल की जाना चाहिए।
- मेडिकल कॉलेज निर्माण घोटाला एंव भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार पीडब्ल्यूडी मंत्री के खिलाफ जांच करके कार्रवाई करना चाहिए।
- जेपी स्ट्रक्चर प्रा.लिमिटेड कंपनी द्वारा देवास से बुधनी प्रोजेक्ट के लिए अमानक सरिया खरीदकर करोड़ों का मुनाफा कमाने के साथ ही बड़े पैमाने पर जीएसटी की चोरी की जांच होना चाहिए।
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यादव का कहना है कि इस सारे भ्रष्टाचार और घोटाले में विशेष तथ्य यह भी हैं की सारे मेडिकल कॉलेज डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन के अंतर्गत आते हैं। आम तौर प्रचलित नियमानुसार पर डॉयरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन निर्माण एजेंसी को अधिकृत करता है।लेकिन इस घोटाले में सीधे एमपीबीडीसी और पीडब्ल्यूडी ने सीधे एक ही कंपनी को सारे मेडिकल कॉलेजों के काम नियम कायदों को ताक में रखकर दे दिए।
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