मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक महिला शिक्षक को तीन बच्चों की मां होना भारी पड़ गया। शासकीय प्राथमिक विद्यालय धमौरा में अध्यापक के पद पर पदस्थ रंजीता साहू को तीन बच्चों की मां बनने पर पद से हटा दिया गया है। शिक्षा विभाग ने उनको नौकरी से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया है। महिला शिक्षक 24 साल से कार्यरत थी।
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26 जनवरी 2001 के बाद तीसरी बार बनीं मां
मामले की पुष्टि करते हुए सागर (Sagar) के संयुक्त संचालक, शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया कि रंजीता साहू की तीसरी बच्चे का जन्म 26 जनवरी 2001 के बाद हुआ है। जिस कारण मध्यप्रदेश शासन के नियमों का उल्लंघन हुआ है। इसी के चलते उन्हें शासकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
सरकारी नियम क्या कहता है?
2001 में एमपी सरकार ने एक नियम बनाया था। जिसमें सरकार ने 26 जनवरी 2001 के बाद तीसरी बच्चे के जन्म होने पर सरकारी कर्मचारियों को सेवा से अयोग्य घोषित करने का प्रावधान लागू किया था। इसके तहत यदि किसी सरकारी कर्मचारी की तीसरी संतान 26 जनवरी 2001 के बाद जन्मी है, तो उसकी सेवा समाप्त की जा सकती है।
दिग्विजय सिंह की सरकार में बना था नियम
यह नियम दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में लागू हुआ था। हालांकि बीते दो दशकों से प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार है, लेकिन अब तक इस कानून में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
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