मध्य प्रदेश के कमर्शियल क्षेत्रों में बिल्डिंग निर्माण के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव होने वाला है ( TCP Rules )। प्रदेशभर में फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) को दोगुना करके 5 से 7 तक बढ़ाने की योजना बनाई गई है, जबकि भोपाल में यह वर्तमान में 2.5 है। इस बदलाव के माध्यम से व्यापारिक भवनों में अधिक मंजिलें बनाने की अनुमति मिलेगी। ( mp commercial buildings )
बिल्डिंग कोड का पालन करना जरूरी
इसके अलावा, सभी तरह की बिल्डिंगों के लिए नेशनल बिल्डिंग कोड का पालन अनिवार्य होगा, जिससे निर्माण की संरचनाएं और भी मजबूत और सुरक्षित होंगी। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टी एंड सीपी) ने भूमि विकास नियम-2012 में संशोधन के लिए प्रस्ताव तैयार किया है और जल्द ही इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी करने की संभावना है।
बदलाव का मुख्य उद्देश्य
कमर्शियल क्षेत्रों में बिल्डिंग निर्माण के नियमों में ये बदलाव केंद्र द्वारा शहरी क्षेत्रों में सुधार के लिए निर्देशित किए गए हैं, ताकि अमृत योजना और अन्य शहरी विकास परियोजनाओं के लिए अनुदान मिल सके। यह बदलाव उन सुधारों का हिस्सा हैं, जिनके आधार पर केंद्र अनुदान राशि का निर्धारण करेगा।
- फायर सेफ्टी: सभी दुकानों और मकानों में फायर सेफ्टी के उपाय अनिवार्य होंगे।
- ईवी चार्जिंग स्टेशन: प्रत्येक कॉलोनी में ईवी चार्जिंग स्टेशन की स्थापना आवश्यक होगी।
- ग्राउंड कवरेज लिमिट: ग्राउंड कवरेज की लिमिट को समाप्त करके केवल न्यूनतम खुला क्षेत्र निर्धारित किया जाएगा। वर्तमान में आवासीय
- क्षेत्रों में 30%, कमर्शियल में 40% और हाईराइज में 50% ग्राउंड कवरेज है।
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