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मध्य प्रदेश कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अभी से अपनी तैयारियां तेज कर दी है। इस बार पार्टी ने बूथ स्तर पर एजेंटों की स्थिति को गंभीरता से लिया है और इसके लिए कई कदम उठाए हैं। खासकर बूथ लेवल एजेंट (BLA) के बदलने की प्रक्रिया में कांग्रेस ने अपनी संगठनात्मक मजबूती पर ध्यान केंद्रित किया है।
बूथ लेवल एजेंट (BLA) की स्थिति
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के पास 2023 विधानसभा चुनावों के लिए 61 हजार बूथ लेवल एजेंट (Booth Level Agents) थे, जिनमें से लगभग 49 हजार को बदलने का निर्णय लिया गया है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि कांग्रेस के पुराने एजेंटों में से करीब 46 हजार निष्क्रिय हो चुके हैं और लगभग 3 हजार ऐसे एजेंट हैं, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) ज्वाइन कर ली है।
निष्क्रिय एजेंटों का वेरिफिकेशन
कांग्रेस की ओर से की गई एक जांच में यह खुलासा हुआ कि राज्य के 61 हजार बूथ लेवल एजेंटों में से 49 हजार निष्क्रिय हो गए थे। यह जानकारी तब सामने आई जब मतदाता सूची पुनरीक्षण के टीम ने इन एजेंटों का वेरिफिकेशन किया।
यह काम 14 अगस्त तक पूरा हो चुका था और इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि इन निष्क्रिय और भाजपा में शामिल हुए एजेंटों को हटाकर कांग्रेस विचारधारा के कट्टर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी।
कांग्रेस के बूथ लेवल एजेंट वाली खबर एक नजर
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कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस पार्टी ने अपने नए रणनीति के तहत 62 हजार सक्रिय बूथ लेवल एजेंट बनाने का लक्ष्य तय किया है, ताकि चुनाव में पार्टी की पकड़ मजबूत हो सके। इसके लिए संगठन ने चुनावी प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक टीम बनाई है और इसे पूरी तरह से सक्रिय किया है।
अब नव नियुक्त जिला अध्यक्षों की मदद से 30 सितंबर तक 62 हजार बूथ एजेंट को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।1 हजार नए एजेंट इसलिए बनाए जाएंगे, क्योंकि आगामी एमपी विधानसभा में करीब 62 हजार बूथ पर वोटिंग होगी।
पायलट प्रोजेक्ट का आगाज
कांग्रेस पार्टी ने संगठन सृजन के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू किया है। इसके तहत गुजरात और मध्य प्रदेश को चयनित किया गया है। इस प्रोजेक्ट का प्रमुख उद्देश्य बूथ लेवल तक सर्वे और संपर्क साधने के जरिए पार्टी को चुनावी फायदा पहुंचाना है।
कांग्रेस संगठन महामंत्री संजय कामले के नेतृत्व में यह पायलट प्रोजेक्ट विदिशा जिले से शुरू हुआ था, जहां बूथ स्तर पर जांच की गई और एजेंटों की स्थिति की समीक्षा की गई। इस दौरान पता चला कि जिसे वह अपना बूथ एजेंट समझ रहे हैं, वह बीजेपी ज्वाइन कर चुके हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी इन सभी चीजों पर नजर बनाए हुए हैं।
30 सितंबर तक लिस्ट होगी तैयार
नए प्रभारी नियुक्त किए गए और उन्हें निरंतर प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिसमें यह बताया गया कि वेरिफिकेशन की प्रक्रिया किस प्रकार की जानी चाहिए। लगभग दो महीने तक वेरिफिकेशन का काम जारी रहेगा। अब नव-नियुक्त जिला अध्यक्षों की मदद से 30 सितंबर तक 62 हजार बूथ एजेंट तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मतदाता सूची पुनरीक्षण के प्रभारी ललित सेन ने बताया कि हम 30 सितंबर तक मध्यप्रदेश में 62 हजार सक्रिय बीएलए की सूची निर्वाचन आयोग को सौंप देंगे। इस कार्य को अंजाम देने के लिए 230 विधानसभा प्रभारी नियुक्त किए गए हैं।
लगभग 1 हजार कार्यकर्ता बीएलए को खोजने की प्रक्रिया में शामिल हैं। बीएलए की सूची मिलने के बाद निर्वाचन आयोग इसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेगा। ये लोग चुनाव आयोग की टीम के साथ मिलकर वोटर लिस्ट पर काम करेंगे।
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एमपी कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी