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मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी में गुटीय विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में एक विवाद ने पार्टी के अंदर की राजनीति को और गर्म कर दिया है, जब नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और पूर्व जिलाध्यक्ष बालमुकुंद गौतम के बीच आरोप-प्रत्यारोप का मामला सामने आया। यह विवाद तब शुरू हुआ जब गौतम ने सिंघार पर गंभीर आरोप लगाए, जिनमें अनुशासनहीनता, शराब माफियाओं से जुड़े और पार्टी के खिलाफ काम करने का आरोप शामिल था।
सिंघार गंभीर पर आरोप
गौतम ने आरोप लगाया कि सिंघार ने विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए एक करोड़ रुपए लिए, जबकि उनका सौदा पांच करोड़ की मांग पर तय हुआ था, जिसमें अंत में डेढ़ करोड़ पर समझौता हुआ। इसके अलावा, उन्होंने सिंघार पर शराब माफियाओं से जुड़ाव और अवैध वसूली करने का भी आरोप लगाया। यह पत्र गौतम ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह को करीब छह महीने पहले भेजा था।
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एक्टिव हुई कांग्रेस अनुशासन समिति
गौतम के आरोपों के बाद कांग्रेस अनुशासन समिति सक्रिय हो गई है। समिति ने गौतम को नोटिस भेजा है और उनसे सात दिन के भीतर इस मामले पर जवाब मांगा है। अगर जवाब संतोषजनक नहीं होता है, तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
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कांग्रेस अनुशासन समिति ने की पुष्टि
गौतम द्वारा उठाए गए आरोपों ने पार्टी में एक आंतरिक कलह को उजागर किया है, जिससे प्रदेशभर में हलचल मच गई है। यह विवाद पार्टी में गुटीय लड़ाई का प्रतीक बन गया है, हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेता इस पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं। कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष डॉ. जी. राजेंद्र सिंह ने इस नोटिस की पुष्टि की है और कहा है कि गौतम से पत्र लिखने की पुष्टि की जा रही है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, बीजेपी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने का मौका नहीं छोड़ा है।
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