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मध्य प्रदेश सरकार के 31 मंत्रियों में से 12 ने खुद माना है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 3 मंत्रियों पर तो गंभीर आरोप हैं। इनमें हत्या के प्रयास और भड़काऊ बयान देना खिलवाड़ करना शामिल है। बाकी 9 मंत्रियों पर हल्के आरोप हैं। इस बात की जानकारी 'एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' (ADR) ने दी है। ऐसे में आइए जानते हैं कि मध्य प्रदेश के उन नेताओं के बारे में जिनके खिलाफ गंभीर मामले या आपराधिक मामले दर्ज हैं।
बता दें कि, मध्य प्रदेश में कुल 31 मंत्री हैं, जिनमें 12 पर अपराधिक मामला दर्ज है। उन पर केस चल रहे हैं।
इन मंत्रियों पर गंभीर धारा में मामला दर्ज
तीन मंत्री ऐसे हैं, जिन पर गंभीर धाराओं में मामला दर्ज है। इनमें नगरीय विकास एवं आवास, संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, उच्च शिक्षा, आुयष एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, कुटीर एवं राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल शामिल हैं।
इसके अलावा 9 मंत्रियों पर सामान्य धारा पर मामला दर्ज है। इसमें परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान, पशुपालन एवं डेयरी विभाग मंत्री लखन पटेल, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, जलसंसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, कछुआ कल्याण एवं मत्स्य विभाग नारायण सिंह पंवार, वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप अहिरवार, खाद्य/नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत , कौशल विकास एवं रोजगार, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल शामिल है। अब जानते हैं कि, इन मंत्रियों के बारे में जिन पर गंभीर धारा में मामला दर्ज है।
ADR की रिपोर्ट वाली खबर पर एक नजर
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कैलाश विजयवर्गीय पर गंभीर मामला दर्ज
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ कुल पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं। इन मामलों में छह गंभीर आईपीसी धाराएं और चौदह अन्य धाराएं शामिल हैं। अधिकतर मामले पश्चिम बंगाल से संबंधित हैं, जिनमें साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने, धार्मिक भावनाओं को आहत करने, भड़काऊ बयान देने, अवैध सभा आयोजित करने और महिलाओं की मर्यादा भंग करने जैसे आरोप लगाए गए हैं।
अब तक कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ दर्ज किए गए किसी भी मामले में आरोप तय नहीं किए गए हैं और न ही किसी अपील की प्रक्रिया शुरू की गई है। पश्चिम बंगाल में इन मामलों के तहत विभिन्न अदालतों में सुनवाई चल रही है, जैसे दक्षिण दिनाजपुर के बलुरघाट कोर्ट, पश्चिम मिदनापुर कोर्ट, हुगली जिले के श्रीरामपुर कोर्ट और उत्तर दिनाजपुर के रायगंज कोर्ट में। इसके अलावा, मालदा के जिला साइबर क्राइम कोर्ट में भी एक मामला दर्ज किया गया है।
इंदर सिंह परमार पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज
शाजापुर के शुजालपुर से विधायक इंदर सिंह परमार के खिलाफ दो आपराधिक मामले दर्ज हुए थे, जिनमें एक गंभीर आईपीसी धारा और तीन अन्य धाराएं शामिल हैं। पहले मामले में उन पर धारा 307 के तहत हत्या का प्रयास, धारा 148 के तहत घातक हथियार के साथ दंगा और धारा 109 के तहत उकसाने के आरोप लगाए गए थे। यह मामला शुजालपुर के अतिरिक्त सत्र न्यायालय में चला।
24 जुलाई 2001 को अदालत ने उन्हें धारा 148 के तहत 1 साल की सजा और धारा 307/149 के तहत 5 साल की सजा के साथ 1500 रुपये का जुर्माना लगाया था। बाद में इस फैसले के खिलाफ इंदौर हाई कोर्ट में अपील की गई। 25 सितंबर 2008 को सजा को घटाकर सिर्फ 85 दिन की कैद और 1500 रुपये का जुर्माना कर दिया गया। दूसरे मामले में, 28 सितंबर 1987 को उन्हें धारा 323 के तहत 50 रुपये का जुर्माना किया गया था।
दिलीप जायसवाल पर गंभीर मामला दर्ज
अनूपपुर जिले की कोतमा विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक दिलीप जायसवाल के खिलाफ एक गंभीर आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की 5 गंभीर धाराओं और 2 अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। यह मामला मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित MP/MLA स्पेशल कोर्ट में लंबित है।
दिलीप जायसवाल पर धोखाधड़ी और संपत्ति हड़पने (धारा 420), जालसाजी (धारा 467, 468, 471), लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात (धारा 409) चोरी की संपत्ति का कारोबार (धारा 413) और समान इरादे से अपराध (धारा 34) जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, अब तक इस मामले में न तो आरोप तय किए गए हैं और न ही कोई अपील दायर की गई है।
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उदय प्रताप सिंह
नरसिंहपुर जिले के गाडरवाड़ा सीट से विधायक उदय प्रताप सिंह पर एक आपराधिक मामला लंबित है, जिसमें कोई गंभीर आईपीसी धारा नहीं है। यह मामला गाडरवाड़ा थाने में दर्ज है और इसकी सुनवाई जबलपुर के स्पेशल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रही है।
उदय प्रताप सिंह पर धारा 188 के तहत लोक सेवक द्वारा विधिवत रूप से प्रसारित आदेश की अवहेलना करने का मामला है। इस मामले में अब तक आरोप तय नहीं किए गए हैं।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर
ग्वालियर सीट से भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के विधायक और ऊर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर पर दो आपराधिक मामले लंबित हैं, जिनमें कोई गंभीर आईपीसी धारा नहीं है। पहला मामला ग्वालियर के यूनिवर्सिटी थाने में दर्ज है, जिसमें उन पर धारा 188 (लोक सेवक के आदेश की अवहेलना), धारा 107 (उकसाना) और धारा 116 (सजा योग्य अपराध के लिए उकसाना) के तहत आरोप लगाए गए हैं। दूसरा मामला ग्वालियर के हजीरा थाने में दर्ज है, जिसमें उन पर धारा 188 और धारा 269 (संक्रामक बीमारी फैलाने की लापरवाही) के आरोप लगाए गए हैं।
इसके अतिरिक्त, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 51B भी उन पर लागू की गई है। यह मामला भी अदालत में लंबित है। अब तक इन मामलों में न तो आरोप तय किए गए हैं और न ही कोई अपील दायर की गई है।
तुलसीराम सिलावट
इंदौर की सांवेर सीट से विधायक तुलसीराम सिलावट के खिलाफ एक आपराधिक मामला लंबित है, जिसमें कोई गंभीर आईपीसी धारा शामिल नहीं है। यह मामला सांवेर थाने में दर्ज हुआ था। वर्तमान में जेएमएफसी कोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही है। सिलावट पर धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत रूप से प्रसारित आदेश की अवहेलना) के तहत आरोप लगाए गए हैं। 16 सितंबर 2022 को इस मामले में आरोप तय किए गए थे, लेकिन अब तक इसमें कोई अपील दायर नहीं की गई है।
गोविंद सिंह राजपूत
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सागर जिले की सुरखी विधानसभा सीट से विधायक गोविंद सिंह राजपूत पर दो आपराधिक मामले लंबित हैं, जिनमें कोई गंभीर आईपीसी धारा शामिल नहीं है। दोनों मामलों में उन पर धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत रूप से प्रसारित आदेश की अवहेलना) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
पहला मामला इंदौर के JMFC कोर्ट में दर्ज है, जो थाना जोबट, जिला अलीराजपुर से संबंधित है। दूसरा मामला सागर जिले के राहतगढ़ थाने में दर्ज है, जिसमें जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 का भी उल्लेख किया गया है, हालांकि इस मामले में अभी तक चालान प्रस्तुत नहीं किया गया है। अब तक किसी भी मामले में आरोप तय नहीं किए गए हैं और न ही कोई अपील दायर की गई है।
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