मप्र: सदन में डिप्टी सीएम देवड़ा ने कबूला- खरगोन में अफसरों, ठेकेदारों की मिलीभगत से शराब महंगी
मध्य प्रदेश विधानसभा में महंगी शराब बेचने का मुद्दा उठा। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने स्वीकार किया कि खरगोन में अधिकारियों , ठेकेदारों की मिलीभगत के चलते जांच नहीं हुई।
BHOPAL. मध्य प्रदेश में एमआरपी से अधिक दाम पर शराब बेचे जाने का मामला मंगलवार को सदन में उठा। इसी बीच वाणिज्यकर विभाग संभाल रहे प्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने स्वीकार किया कि खरगोन जिले में आबकारी अफसरों की शराब ठेकेदारों से मिलीभगत है। इसके चलते जिले में न तो महंगी शराब को लेकर कोई जांच हुई, न ही प्रकरण कायम हुआ।
उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने यह जानकारी विधायक कैलाश कुशवाहा के एक लिखित सवाल के जवाब में दी। खरगोन जिले से जुड़े सवाल पर देवड़ा ने बताया कि जिले में अधिक दाम पर शराब बेचे जाने की 41शिकायतें मिली। एक प्रकरण भी कायम हुआ,लेकिन जिले में आबकारी अफसरों व ठेकेदारों की मिलीभगत होने के कारण प्रशासन द्वारा अन्य विभाग के अधिकारियों से भी शराब एमआरपी से ज्यादा दाम पर बेचे जाने की जांच जिले में नहीं कराई गई, लिहाजा यहां दर्ज प्रकरणों की संख्या निरंक है।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि खरगोन को छोड़ प्रदेशभर में एमआरपी से अधिक रेट पर शराब बेचने को लेकर प्रभावी कार्यवाही की गई। जबलपुर संभाग में 52 प्रकरण दर्ज कर संबंधित ठेकेदारों पर करीब दो करोड़ 4 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। इंदौर जिले में विगत एक अप्रैल से 30 जून के बीच ही 106 शिकायतें मिली। इस पर आबकारी विभाग की ओर से जिले में 18 प्रकरण बनाए गए। इनमें पांच मामलों में जिला प्रशासन का सहयोग भी लिया गया। जबलपुर में महंगी शराब
4 पॉइंट्स में समझें पूरी खबर...
👉 खरगोन में अफसर-ठेकेदार की मिलीभगत: प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में स्वीकार किया कि खरगोन जिले में आबकारी अफसरों और शराब ठेकेदारों की मिलीभगत के कारण शराब एमआरपी से अधिक दाम पर बेची गई। इस पर कोई जांच नहीं की गई और न ही प्रकरण दर्ज हुआ।
👉 जबलपुर में जुर्माना और अन्य कार्रवाई: प्रदेशभर में एमआरपी से ज्यादा दाम पर शराब बेचने की कार्रवाई की गई। जबलपुर में 52 प्रकरणों के तहत ठेकेदारों पर दो करोड़ 4 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। अन्य जिलों में भी शिकायतों पर कार्रवाई की गई।
👉 भोपाल में सबसे ज्यादा शिकायतें: भोपाल में सबसे अधिक 297 शिकायतें मिलीं, जिन पर पांच प्रकरण दर्ज किए गए। इसके अलावा, खंडवा और अन्य जिलों में भी शिकायतें मिलीं और उन पर कार्रवाई की गई। कुल 28 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए।
👉 इंदौर में बार कांड और अफसर की पुनः पदस्थापना: इंदौर के ‘सपना व पैराडाइज बार कांड’ में 4 लोगों की मौत के बाद भ्रष्ट अफसर संजय तिवारी की पुनः पदस्थापना पर सवाल उठे। देवड़ा ने इसे प्रशासनिक सुविधा और स्थानांतरण नीति के तहत बताया।
भोपाल में सर्वाधिक 297 शिकायतें आईं
देवड़ा ने बताया कि अधिक दाम पर शराब बेचे जाने की सर्वाधिक 297 शिकायतें भोपाल में आईं। इन पर कार्यवाही करते हुए पांच प्रकरण भी दर्ज किए गए। इसी तरह,खंडवा जिले में 29 शिकायतों पर भी एक्शन लेते हुए 5 ठेकेदारों के खिलाफ कार्यवाही की गई। अन्य जिलों में भी मिली 354 शिकायतों के आधार पर कुल 28 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं।
इंदौर में जुलाई 2021 के ‘सपना व पैराडाइज बार कांड’ में 4 लोगों की मौत और तत्कालीन आबकारी उपायुक्त संजय तिवारी की इंदौर में पुन: पदस्थापना का मामला भी उठा। प्रश्नकर्ता विधायक कुश्ववाहा ने अपने सवाल में कहा कि क्यों ऐसे भ्रष्ट अफसर की पदस्थापना बार-बार इंदौर में की जाती है? जवाब में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि तिवारी तब इंदौर के संभागीय उड़नदस्ते में पदस्थ थे। उन्होंने कहा कि स्थानांतरण नीति तथा प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से आबकारी विभाग में अधिकारियों-कर्मचारियों की पदस्थापना की जाती है।
देवड़ा ने कहा कि यह कहना सही नहीं होगा कि ठेकेदारों से एक प्रतिशत अवैध राशि लेकर शराब दुकानों में अवैध अहातों का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इंदौर जिले में अवैध अहातों के संचालन के प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है।