सेना का अपमान या सम्मान? उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के बयान पर जनता ही करे फैसला

मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के सेना पर दिए गए बयान ने विवाद छेड़ दिया है। कांग्रेस और देवड़ा दोनों ने अपना पक्ष रखा है। जनता को वीडियो और बयान पढ़कर खुद निर्णय लेना है।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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सेना के ऊपर बयान देकर अचानक ही विवाद में आए मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा की सफाई आ गई गई है। वे कह रहे हैं- कांग्रेस को उल्टा सुलटा बनाने और विवाद करने की आदत है…

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Thesootr इस विवाद को जनता की अदालत में पेश करता है। बयान को लेकर कांग्रेस तमाशा कर रही है या देवड़ा की सफाई सही है? आप खुद तय कीजिए। हम आपको यहां उप मुख्यमंत्री का वह वीडियो और उसका बरबटम दे रहे हैं। जनता अपने नीर, क्षीर विवेक का उपयोग करते हुए खुद ही फैसला करे…

पहले सुनिए क्या है वीडियो में…

अब पढ़िए शब्दश:...

यशस्वी प्रधानमंत्री जी को हम धन्यवाद कहना चाहेंगे... और पूरा देश, देश की ये सेना, ये सैनिक उनके ( किनके? ) चरणों में नतमस्तक हैं... उनके चरणों में पूरा देश नतमस्तक है... उन्होंने जो पूरा जवाब दिया है... इसकी जितनी सराहना की जाए, जितना कहा जाए... एक बार उनके लिए जोरदार ताली बजा करके स्वागत कीजिए…

अब जानते हैं क्या है पूरा मामला...

मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह के बाद अब उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा (Jagdish Dewda) अपने एक बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं। देवड़ा ने एक कार्यक्रम के दौरान सेना को लेकर ऐसी टिप्पणी कर दी, जिसे कई लोग सेना के सम्मान के खिलाफ मान रहे हैं। देवड़ा ने कहा कि पूरा देश और देश की सेना प्रधानमंत्री के चरणों में नतमस्तक है।

इस बयान का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर आया, यह तेजी से वायरल हो गया और चारों ओर से आलोचना शुरू हो गई। ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर लोगों ने देवड़ा के इस बयान को "सेना के सम्मान के खिलाफ" और "लोकतंत्र की मूल भावना के विपरीत" बताया। बता दें कि देवड़ा आज (शुक्रवार) जबलपुर स्थित होमगार्ड जिला कमांडेंट कार्यालय पर एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे, उसी दौरान उन्होंने ये बयान दिया।

क्या बोल गए डिप्टी सीएम देवड़ा?

डिप्टी सीएम ने कहा कि जिन महिलाओं के मांग का सिंदूर मिटा दिया गया, उन आतंकवादियों को और उन्हें संरक्षण देने वालों को पूरी तरह से नेस्तनाबूद किए बिना चैन की सांस नहीं लेंगे। उन्होंने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और फैसलों की भी सराहना की। डिप्टी सीएम ने कहा कि पूरा देश और देश की वो सेना उनके चरणों में नतमस्तक है. उनके चरणों में पूरा देश नतमस्तक है. उन्होंने जो जवाब दिया है उसकी जितनी सराहना की जाए वो कम है.

विजय शाह का मामला सुलझा नहीं

हाल ही एमपी के मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में एक विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि कर्नल सोफिया कुरैशी पहलगाम में 26 निर्दोष भारतीयों की हत्या करने वाले आतंकवादियों की बहन हैं। 

कांग्रेस नेताओं ने घेरा

उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के इस बयान के बाद कांग्रेस नेताओं ने उन्हें घेर लिया है। 

विवेक तन्खा ने लिखा- आप क्या कह रहे है देवड़ा जी। मोदी जी और और देश की जनता हमारी वीर सेना के प्रति समर्पित और नकमस्तक है। आप लोग देश की और सुरक्षा एजेंसीज का मनोबल क्यो गिरा रहे है। हमारा भारत सुरक्षित है मात्र देश की सेना के होसले से। हम अपनी संस्थाओं को कमजोर करने में क्यो लगे है उप मुख्य मंत्री जी

उमंग सिंघार बोले- ये है भारतीय सेना के प्रति भाजपा का सम्मान! भाजपा के एक और बड़बोले मंत्री डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने सेना का अपमान करते हुए बयान दिया है। उन्होंने कहा कि "देश की शूरवीर सेना प्रधानमंत्री मोदी के चरणों में नतमस्तक है" क्या ये हमारे जवानों के शौर्य और बलिदान का अपमान नहीं है? डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा का यह बयान न सिर्फ शर्मनाक है, बल्कि राष्ट्रभक्ति की भावना के खिलाफ भी है। क्या भाजपा अब बार-बार राष्ट्रभक्ति की आड़ में सेना का अपमान करती रहेगी? .

क्या सेना किसी प्रधानमंत्री के आगे नतमस्तक हो सकती है?  

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देश की सेना का प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान और अनुशासन का रवैया होता है, लेकिन "नतमस्तक" होना एक भावनात्मक दृष्टिकोण है। 
यह सही है कि प्रधानमंत्री, राजनीतिक नेतृत्व के रूप में सेना के ऊपर होते हैं।

सैनिक और अधिकारी प्रधानमंत्री का सम्मान करते हैं, लेकिन अनुशासन और सम्मान का मतलब यह नहीं कि वे कहीं नतमस्तक हों। यह सम्मान सम्मानजनक, औपचारिक अभिवादन, और प्रोटोकॉल के तहत होता है।

"नतमस्तक होना" शब्द का अर्थ अगर शाब्दिक या अत्यधिक भावुक होता है, तो ऐसा प्रोटोकॉल या सैन्य नियमों में नहीं होता। सेना में शिष्टाचार और आदर के रूप में सलामी, खड़े होना, और उचित व्यवहार होता है।

प्रधानमंत्री को सम्मान देने का प्रोटोकॉल क्या है?

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सलामी (Salute): जब प्रधानमंत्री सेना के बीच आते हैं, तो सैनिक और अधिकारी सम्मान स्वरूप सलामी देते हैं। यह सबसे मानक और मुख्य सम्मान है।

खड़े होना (Standing up): प्रधानमंत्री के प्रवेश पर सभी अधिकारी और कर्मचारी खड़े होकर उनका स्वागत करते हैं।

संगीत (Fanfare): कभी-कभी विशेष अवसरों पर सम्मान स्वरूप बैंड संगीत बजाया जाता है।

उपस्थिति और व्यवस्था: सुरक्षा और सम्मान का विशेष ध्यान रखा जाता है, जिसमें समर्पित गार्ड ऑफ ऑनर भी शामिल होता है।

सांस्कृतिक रूप से: प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान देने के लिए पारंपरिक भारतीय रीति-रिवाजों का पालन भी किया जा सकता है, जैसे हाथ जोड़कर अभिवादन, परंतु यह निजी या सांस्कृतिक संदर्भ पर निर्भर करता है।

 

 

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