ऐसा क्या बोल गए BJP सांसद निशिकांत दुबे कि जेपी नड्डा को करना पड़ा किनारा...

न्यायपालिका पर निशिकांत दुबे के बयान के बाद विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया। इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सफाई देनी पड़ी। इसके बाद पार्टी ने इससे किनारा कर लिया।

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Rohit Sahu
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भारतीय जनता पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं, सांसद निशिकांत दुबे और राज्यसभा सदस्य दिनेश शर्मा ने 19 अप्रैल को न्यायपालिका (Judiciary) की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठाए थे। देश की सर्वोच्च अदालत (सुप्रीम कोर्ट) पर सवाल उठाने से हंगामा शुरू हो गया। इसके बाद से विपक्षी दलों (Opposition parties) ने भाजपा पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाना शुरू कर दिया। वहीं अब पार्टी ने सदन में दिए गए अपनी ही पार्टी के नेताओं के बयान से किनारा कर लिया है।

जेपी नड्डा बोले-पार्टी का कोई लेना-देना नहीं

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (jp nadda) ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट जारी किया। उन्होंने लिखा कि निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा द्वारा न्यायपालिका और देश के मुख्य न्यायाधीश को लेकर दिए गए बयानों से पार्टी सहमत नहीं है। यह उनके व्यक्तिगत विचार हैं और पार्टी ऐसे किसी भी बयान का समर्थन नहीं करती। जेपी नड्डा ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा न्यायपालिका का सम्मान किया है और भविष्य में कोई नेता ऐसे बयान न दे, इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

दिनेश शर्मा का बयान 

भाजपा के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने न्यायपालिका (Supreme Court) की भूमिका को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि कानून और नियम बनाना संसद का कार्य है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा शामिल हैं। वहीं, इन बनाए गए कानूनों के पालन की निगरानी करना न्यायपालिका का काम है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में यह स्पष्ट है कि संसद या राज्यसभा-लोकसभा को कोई निर्देश नहीं दे सकता, क्योंकि जब किसी कानून पर राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाती है, तो उसे चुनौती नहीं दी जा सकती।

निशिकांत दुबे ने दिया था ये बयान

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने संसद की सर्वोच्चता का हवाला देते हुए कहा था कि संसद कानून बनाती है। अगर सुप्रीम कोर्ट हर मामले में हस्तक्षेप करेगा तो संसद और विधानसभा को बंद कर देना चाहिए। देश में गृह युद्ध और धार्मिक तनाव के लिए न्यायपालिका जिम्मेदार है।

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बयान ने राजनीतिक तापमान और बढ़ाया

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि भाजपा जानबूझकर संविधान की मूल भावना (Basic Structure of Constitution) को निशाना बना रही है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में चुनावी बॉन्ड, वक्फ कानून और चुनाव आयोग जैसे मामलों में सवाल उठाए हैं। सलमान खुर्शीद, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और अधिवक्ता ने कहा कि सरकार नहीं, सुप्रीम कोर्ट देश की न्यायिक अंतिम संस्था है, और उसकी अवमानना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।

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