बिजली कंपनी ने किए 8500 आउटसोर्स कर्मचारियों के ट्रांसफर, जो नौकरी छोड़ चुके उनका भी नाम

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने पहली बार 8,500 आउटसोर्स कर्मियों के तबादले किए। इन तबादलों में महिलाएं और दिव्यांग भी शामिल हैं। कर्मचारियों ने इस फैसले को आर्थिक बोझ और कार्यक्षमता पर असर डालने वाला बताया।

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Rohit Sahu
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मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने पहली बार बड़ी संख्या में आउटसोर्स कर्मचारियों के तबादले किए हैं। कुल 8,500 से अधिक कर्मचारियों की ट्रांसफर लिस्ट जारी की गई है। लिस्ट में लाइन अटेंडेंट, सब-स्टेशन ऑपरेटर और कंप्यूटर ऑपरेटर जैसे फील्ड स्टाफ शामिल हैं। हालांकि तबादला सूची में महिलाओं और दिव्यांगों के नाम होने से विवाद शुरू हो गया है। हालांकि इन सभी का ट्रांसफर जिले के भीतर ही किया गया है। दिव्यांगों महिलाओं के तबादले पर तो खुद उर्जा मंत्री को सफाई देनी पड़ गई।

जिन्होंने नौकरी छोड़ दी, उनके नाम भी तबादला सूची में

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कुछ ऐसे कर्मचारियों के नाम भी ट्रांसफर सूची में हैं, जो पिछले दो से पांच महीनों में नौकरी छोड़ चुके हैं। भोपाल शहर की लिस्ट में शीनम अब्दुल रशीद, देवेंद्र पटेल और दीपक वर्मा जैसे नाम सामने आए हैं। यह लापरवाही न सिर्फ गंभीर सवाल खड़े करती है।

महिलाएं और कम वेतन कर्मचारी सबसे ज्यादा प्रभावित

भोपाल सिटी सर्कल में अकेले 568 आउटसोर्स कर्मचारियों को एक स्थान से दूसरी जगह पर भेजा गया है। इन कर्मचारियों की अधिकतम सैलरी 14 हजार रुपये प्रतिमाह है। इतने कम वेतन में ट्रांसफर का बोझ इन कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त आर्थिक संकट बन गया है। खास बात यह है कि एमडी ऑफिस और चीफ इंजीनियर ऑफिस के आउटसोर्स स्टाफ को तबादलों से बाहर रखा गया है।

दिव्यांग कर्मचारी का भी 50 KM दूर तक ट्रांसफर

इस तबादला प्रक्रिया में दिव्यांग कर्मचारियों को भी नहीं बख्शा गया। परवलिया सड़क में तैनात राजू मेवाड़ा की रीढ़ की हड्डी पिछले साल टूटी थी, उन्हें 16 किलोमीटर दूर तूमड़ा भेजा गया है। गुनगा के पोलियोग्रस्त विजय सिंह को 25 किलोमीटर दूर ईटखेड़ी, रायसेन के दिव्यांग राकेश सेन को 30 किलोमीटर दूर सलामतपुर और डबरा के नीरज श्रीवास्तव को 50 किलोमीटर दूर पिछोर भेजा गया है।

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कामकाज होगा प्रभावित

आउटसोर्स बिजली कर्मचारी संगठन के संयोजक मनोज भार्गव का कहना है कि बिजली कंपनी में हर कर्मचारी का काम खास और अलग होता है। अचानक ट्रांसफर करने से कंपनी के कामकाज पर असर पड़ेगा। राजस्व वसूली घटेगी और बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है।

कहां-कहां हुए ट्रांसफर

  • भोपाल सिटी सर्कल: 568

  • भोपाल ओएंडएम: -

  • रायसेन: 775

  • सीहोर: 560

  • राजगढ़: 1009

  • होशंगाबाद: 790

  • ग्वालियर सिटी सर्कल: -502

  • ग्वालियर ओएंडएम: 452

  • मुरैना: 552

  • भिंड: 620

  • दतिया: 386

  • शिवपुरी: 588

  • श्योपुर: 592

  • अशोकनगर: 336

कंपनी को है अधिकार

आउटसोर्स कर्मचारी होने के बावजूद क्या कंपनी ट्रांसफर कर सकती है? इस पर कर्मचारी मामलों के विशेषज्ञ सुरेंद्र निगम ने जवाब देते हुए कहा कि कंपनी को ये अधिकार रहता है। बिजली कंपनी इन कर्मचारियों की प्रिंसिपल नियोक्ता है और उन्हें ट्रांसफर करने का अधिकार रखती है।

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ऊर्जा मंत्री बोले- दिव्यांगों व महिलाओं के तबादले निरस्त होंगे

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि यह फैसला गंभीर विचार-विमर्श के बाद लिया गया है। मानवता के आधार पर महिलाओं और दिव्यांगों के तबादले निरस्त करने के निर्देश प्रबंधन को दिए गए हैं।

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