महंगाई का करंट, बिजली के दाम बढ़ने के साथ सिक्योरिटी डिपॉजिट पर ब्याज में कटौती

मध्य प्रदेश में महंगाई के बीच बिजली के दाम बढ़ा दिए गए हैं। मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली के दामों में इजाफा किया है और साथ ही सिक्योरिटी डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज को 6.75% से घटाकर 6.50% कर दिया है।

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Vikram Jain
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सांकेतिक फोटो

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मध्य प्रदेश में पहले से महंगाई का सामना कर रहे उपभोक्ताओं को अब बिजली की बढ़ी हुई दरों का भी सामना करना पड़ेगा। मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली के दाम बढ़ाने के साथ ही सिक्योरिटी डिपॉजिट पर ब्याज दर घटा दिया है। इस कदम के पीछे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बैंक दर को कम किए जाने का कारण बताया गया है। वहीं, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में विजिलेंस विभाग की सख्ती के कारण बदलाव की स्थिति देखी गई है।

सिक्योरिटी डिपॉजिट पर ब्याज में कमी क्यों की गई?

मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली के दामों में इजाफा किया है। इतना ही नहीं सिक्योरिटी डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज दर को भी घटा दिया गया है। पहले उपभोक्ताओं को 6.75% ब्याज मिलता था, लेकिन अब इसे घटाकर 6.50% कर दिया गया है। यह बदलाव भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद किया गया, जिसमें बैंक दर को घटाकर 6.50% किया गया था।

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टीडीएस कटौती का नियम

अगर सुरक्षा जमा पर मिलने वाला ब्याज 10 हजार रुपये से अधिक होता है, तो आयकर अधिनियम के तहत 10% टीडीएस काटा जाएगा। यदि उपभोक्ता ने पैन कार्ड नहीं दिया है या पैन आधार से लिंक नहीं है, तो इस स्थिति में 20% टीडीएस कटेगा।

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पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में बदलाव

इंदौर से खबर आई है कि पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में विजिलेंस विंग के बाहर दृश्य बदल गए हैं। पहले जहां उपभोक्ताओं की लंबी कतारें और दलालों की गतिविधियाँ देखी जाती थीं, वहीं अब स्थिति में बदलाव हुआ है। सख्ती से बाहरी तत्वों की एंट्री को रोकने के लिए नए नियम लागू किए गए हैं।

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नए नियम से किसे फायदा हुआ?

पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों की विद्युत वितरण कंपनियों ने अपने नियमों में बदलाव किया है, जिनसे अब उपभोक्ताओं को आसानी से मामलों का निवारण जिले स्तर पर ही हो सकता है। अब उपभोक्ताओं को बड़ी राशि वाले मामलों के लिए इंदौर आने की जरूरत नहीं है।

बाहरी तत्वों की एंट्री बंद करने सख्ती

बिजली कंपनी के मुख्य सतर्कता अधिकारी कामेश श्रीवास्तव के अनुसार सख्ती से बाहरी तत्वों की एंट्री बंद की गई है। सर्तकता विभाग के पास 60 से ज्यादा हजार केस लंबित है। इनमें 1 लाख रुपए या उससे कम राशि के चालान के 50 हजार केस है। पहले हर केस में अपील करने के लिए उपभोक्ता को आना होता था। लेकिन बिजली कंपनी ने जनवरी में नियमों में बदलाव किया है। आदेश के अनुसार बिजली चोरी और अनियमितताओं के मामलों में जिसमें राशि 1 लाख रुपए तक की है। उनमें आपत्तियों की सुनवाई और निवारण का कार्यपालन यंत्री ही कर सकेंगे।

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5 मुख्य बिंदुओं से समझें पूरा मामला 

✅ मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली के दाम बढ़ाए और सिक्योरिटी डिपॉजिट पर ब्याज घटाया।

✅ ब्याज दर को भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति के आधार पर 6.75% से घटाकर 6.50% किया गया।

✅ 10 हजार रुपए से अधिक ब्याज पर आयकर अधिनियम के तहत टीडीएस काटा जाएगा।

✅ पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने विजिलेंस विंग में बदलाव किया और बाहरी तत्वों की एंट्री रोकी।

✅ बिजली कंपनी ने नए नियमों के तहत उपभोक्ताओं को जिला स्तर पर राहत देने का निर्णय लिया।

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