एमपी में ऊर्जा विभाग के संविदा कर्मचारियों-अधिकारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी, की ये मांग

मध्य प्रदेश में ऊर्जा विभाग के संविदा कर्मचारियों और अधिकारियों ने सरकार से नियमित पदों पर मर्ज करने की मांग की है। इसके लिए 12 अक्टूबर को भोपाल में बड़ा प्रदर्शन आयोजित करने का ऐलान किया गया है।

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Sandeep Kumar
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BHOPAL: मध्यप्रदेश में ऊर्जा विभाग के संविदा कर्मचारियों और अधिकारियों ने 12 अक्टूबर को भोपाल में प्रदर्शन का ऐलान किया है। वे सरकार से नियमित पदों पर मर्ज करने की मांग कर रहे हैं। यह कदम तीन माह पहले दिए गए प्रस्ताव के बाद उठाया गया। अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। प्रदर्शन में ऊर्जा विभाग के सीनियर अफसर और कर्मचारी भी शामिल होंगे।

संविदा कर्मचारियों की मांगें

मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर एम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को एक प्रस्ताव दिया है जिसमें संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की गई है। इस प्रस्ताव में प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:

  • नियमित पदों पर कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
  • संविदा नीति 2023 के तहत बिजली कंपनियों की भर्ती में 50% आरक्षण दिया जाए।
  • 2025 की तबादला नीति के तहत, एक तय समय के लिए एक कंपनी से दूसरी कंपनी (गृह जिला) ट्रांसफर नीति लागू की जाए।
  • शैक्षणिक योग्यता के आधार पर समकक्ष पदों पर संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए।

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कर्मचारियों की और भी प्रमुख मांगें

संविदा कर्मचारियों ने अपनी अन्य प्रमुख मांगों में यह शामिल किया है:

  • राष्ट्रीय अवकाश और उत्सव अवकाश में काम करने पर संविदा कर्मचारियों को मानदेय नहीं मिलता, जबकि अन्य कंपनियों में यह मिलता है। इसलिए एकरूपता लाई जाए।
  • 9, 18 और 35 साल की सेवा पूरी करने पर संविदा कर्मचारियों को उच्च वेतनमान और पदोन्नति दी जाए।
  • संविदा कर्मचारियों को हायर एजुकेशन की अनुमति दी जाए, जैसा कि पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में लागू किया गया है।

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क्या बोले प्रांतीय अध्यक्ष ?

यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स के प्रांतीय अध्यक्ष आरएस कुशवाह ने कहा कि सरकार को प्रस्ताव दिए गए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सरकार को तब तक कोई परेशानी नहीं होती जब तक आंदोलन न हो, लेकिन आंदोलन होने पर समस्या होती है। संगठन चाहता है कि अनुभवी और परीक्षा पास कर चुके संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए। यदि सरकार ने ध्यान नहीं दिया, तो 12 अक्टूबर को सांकेतिक प्रदर्शन किया जाएगा।

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संविदा कर्मचारियों के आंदोलन की चेतावनी

प्रदर्शन के लिए संगठन पूरी तरह से तैयार है। यह प्रदर्शन न केवल कर्मचारियों की नियमितीकरण की मांग को लेकर है, बल्कि यह आंदोलन अन्य समस्याओं के समाधान के लिए भी है। सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह संविदा कर्मचारियों की समस्याओं को प्राथमिकता देगी और जल्द ही कार्रवाई करेगी।

4 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी

👉 मध्यप्रदेश के ऊर्जा विभाग के संविदा कर्मचारी और अधिकारियों ने 12 अक्टूबर को भोपाल में आंदोलन की चेतावनी दी है।

👉 यह कदम तीन महीने पहले सरकार को दिए गए प्रस्तावों के बाद उठाया गया है। हालांकि अब तक सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

👉प्रदर्शन केवल नियमितीकरण की मांग के लिए नहीं, बल्कि अन्य समस्याओं के समाधान के लिए भी किया जाएगा। कर्मचारियों का उद्देश्य है कि सरकार उनकी समस्याओं को प्राथमिकता दे और जल्द कार्रवाई करे।

👉प्रदर्शन के लिए संगठन पूरी तरह से तैयार है और कर्मचारियों की मांग है कि सरकार संविदा कर्मचारियों के मुद्दों पर ध्यान दे और शीघ्र कार्रवाई करे।

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संविदा नीति 2023 में सुधार की मांग

संविदा कर्मचारियों ने सरकार से यह भी मांग की है कि संविदा नीति 2023 में महंगाई भत्ता और इंक्रीमेंट का प्रावधान किया जाए, जैसे कि 2018 की नीति में था। इसके अलावा, मध्य क्षेत्र कंपनी के परीक्षण सहायकों को संशोधित बेसिक 25300 रुपए का 90% नहीं, बल्कि पूरा बेसिक 25300 रुपए दिया जाए। यह मामला ऊर्जा विभाग में पेंडिंग है।

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