राशन बंद न हो जाए! एमपी में ई-केवायसी अनिवार्य, जानें कब है आखिरी तारीख
मध्य प्रदेश के खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने पात्र हितग्राहियों की eKYC पूरी करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि अगर तय समय में eKYC नहीं होती है, हितग्राहियों को खाद्यान्न प्राप्त करने में कठिनाई होगी
मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के अंतर्गत आने वाले पात्र हितग्राहियों की ई-केवायसी अब अनिवार्य हो गई है। राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 543.31 लाख पात्र हितग्राहियों में से बचे हुए 108.27 लाख हितग्राहियों की ई-केवायसी 30 अप्रैल 2025 तक पूरी की जाए।
मंत्री ने यह भी कहा कि अगर तय समय में ई-केवायसी नहीं होती है, तो संबंधित हितग्राहियों को खाद्यान्न प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है। इसलिए सभी ज़िला प्रशासन, पंचायत, और नगरीय निकायों को विशेष अभियान चलाकर इस कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
9 से 30 अप्रैल तक चलेगा विशेष अभियान
प्रदेश में 9 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 तक ई-केवायसी के लिए राज्य स्तरीय विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में POS मशीन, स्थानीय निकायों और JSO लॉगिन पर ई-केवायसी से वंचित लाभार्थियों की सूची उपलब्ध कराई गई है। अभियान में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और नगरीय प्रशासन विभाग की टीमों का सहयोग लिया जा रहा है।
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि ग्राम स्तर और मोहल्ला स्तर पर ई-केवायसी कैंप लगाए जाएंगे, जिससे हर पात्र व्यक्ति की पहचान हो सके और डुप्लीकेट या अनुपस्थित व्यक्तियों को हटाया जा सके। जिन परिवारों में कोई सदस्य मृत्यु, स्थायी प्रवास या डुप्लीकेट की श्रेणी में आता है, उसकी प्रविष्टि एम राशन मित्र पोर्टल पर स्थानीय निकाय द्वारा की जाएगी।
ई-केवायसी अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार ने प्रचार-प्रसार बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं। स्थानीय मीडिया, जनप्रतिनिधियों और स्वयंसेवकों की मदद से लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे समय पर अपनी जानकारी अपडेट करा लें।
ई-केवायसी के लिए अपने ग्राम पंचायत, वार्ड कार्यालय या कैंप स्थल पर जाना होगा जहां POS मशीन के माध्यम से प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
कौन लोग सूची से हट सकते हैं?
जिन लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जो स्थायी रूप से बाहर चले गए हैं या जिनका नाम डुप्लीकेट है – उन्हें पोर्टल पर विलोपित कर दिया जाएगा।
एमपी में ई-केवायसी नहीं कराने पर क्या होगा?
यदि हितग्राही 30 अप्रैल तक ई-केवायसी नहीं कराते हैं, तो उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मिलने वाला राशन अस्थायी रूप से बंद किया जा सकता है।