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मध्यप्रदेश सरकार ने 29 जिलों में वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में बदलने के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस बदलाव से इन क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति मिलेगी और आदिवासी समुदाय को मुख्यधारा में जोड़ने का रास्ता आसान होगा।
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महत्वपूर्ण कदम
मध्यप्रदेश में कुल 925 वनग्राम हैं, जिनमें से 827 को राजस्व ग्राम में बदला जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत अब तक 792 गांवों का रूपांतरण पूरा हो चुका है और 790 गांवों का गजट नोटिफिकेशन जारी हो चुका है।
यह कदम आदिवासियों को कानूनी अधिकार और बुनियादी सुविधाएं जैसे सड़क, बिजली, और पानी उपलब्ध कराने के लिए उठाया गया है। इसके अलावा, अब इन क्षेत्रों के निवासी सामान्य ग्रामीणों की तरह जमीन और कृषि संबंधी अधिकार प्राप्त कर सकेंगे।
इतिहास और पहल
इस बदलाव की नींव 20 साल पहले रखी गई थी। 2002-2004 के बीच राज्य सरकार ने वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में बदलने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। 22 अप्रैल 2022 को केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भोपाल में वन समितियों के सम्मेलन में इस निर्णय की घोषणा की थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई।
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मुख्यमंत्री की बैठकें
सीएम डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में अधिकारियों के साथ बैठक कर इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने वन अधिकार अधिनियम और पेसा अधिनियम का पालन सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।
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आदिवासियों के लिए फायदे
- जंगल कानून से राहत।
- बुनियादी सुविधाओं का विकास।
- कानूनी अधिकारों तक आसान पहुंच।
- मुख्यधारा में शामिल होने का मौका।
FAQ
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