मध्य प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री राघव जी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उन्हें 11 साल पहले यौन उत्पीड़न के एक मामले में यह राहत मिली है। राघवजी के खिलाफ दर्ज शिकायत को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने एमपी सरकार की अपील को खारिज करते हुए उसे फटकार भी लगाई है।
सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं: राघव जी
सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद राघव जी के समर्थकों में खुशी की लहर है। समर्थकों और समाजसेवियों ने उनके आवास पर पहुंचकर उन्हें सम्मानित किया। सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिलने के बाद राघव जी के परिवार ने मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया। कोर्ट के फैसले पर राघव जी का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि आखिरकार सत्य की जीत हुई है। उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताया जिसमें उन्हें फंसाने की कोशिश की गई।
राघव जी ने कहा कि मुझे विश्वास था कि भारत का कानून सत्य के पक्ष में खड़ा होगा। मेरे खिलाफ साजिश के तहत एफआईआर दर्ज की गई, जिसका मेरे सामाजिक और राजनीतिक जीवन पर गहरा असर पड़ा। आज सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि मेरी 60 साल की राजनीतिक सेवा बेदाग है। सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं।
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मौत हो जाती तो...
राघव का यह भी कहना है कि अगर इस दौरान उनकी मौत हो जाती तो उनके ऊपर लगा कलंक कभी नहीं मिटता, लोग उन्हें ही दोषी मानते। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उन्हें और अपने परिवार के लिए न्याय पाने में सफलता मिली है।
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क्या है मामला?
दरअसल, एक दशक पहले पूर्व वित्त मंत्री राघव जी के कर्मचारी ने उनके खिलाफ हबीबगंज थाने में अप्राकृतिक कृत्य करने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद राघव जी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उस समय राघव जी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताया था।
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