मध्य प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के समापन समारोह में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने उज्जैन में अतिरिक्त एयरपोर्ट बनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश को सिविल एविएशन हब के रूप में विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। इस पहल से राज्य में एयर ट्रैफिक का विस्तार होगा और नागरिकों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि हर 100 किमी के भीतर एयरपोर्ट बनाने का लक्ष्य रखा गया है और जहां जगह कम होगी, वहां हेलीपोर्ट विकसित किए जाएंगे।
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एयरो स्पोर्ट्स की संभावनाएं
मध्य प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियों की सराहना करते हुए मंत्री नायडू ने बताया कि राज्य में एयरो स्पोर्ट्स की भी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। भोपाल में निवेशकों के महाकुंभ के आयोजन को प्रयागराज के महाकुंभ जैसा अनुपम उदाहरण बताते हुए उन्होंने इसे प्रदेश की विकास नीति का अहम कदम बताया। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी कहा कि शहरों के ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवेलपमेंट को प्राथमिकता दी जाएगी, और सुव्यवस्थित यातायात के लिए अंडरब्रिज के निर्माण पर विचार किया जा रहा है।
एमपी में 5 एविएशन एकेडमी और 5 कंपनियों से MoU
मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों में विमान सेवाओं के विस्तार के उद्देश्य से पांच कंपनियों के साथ एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) साइन किए गए हैं। एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ इंदौर से आबू धाबी, बैंकॉक, पटना, कोच्चि और वाराणसी के लिए नई विमान सेवाएं शुरू करने का समझौता हुआ है। फ्रेंकफिन कंपनी ने राज्य में पांच एविएशन एकेडमी खोलने का समझौता किया है, जिससे 6 से 7 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
वहीं, फ्लाई भारती कंपनी ने उज्जैन में एयरपोर्ट डेवलपमेंट के लिए 750 करोड़ रुपए के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। प्रधान एयर ने राज्य के भीतर हवाई सेवाएं शुरू करने के लिए 150 करोड़ रुपए निवेश करने का निर्णय लिया है। इन एविया एविएशन कंसल्टेंट जीएमबीएच कंपनी भोपाल में मेंटेनेंस रिपेयर एंड ऑपरेशन (एमआरओ) की स्थापना करेगी, जिसमें पहले फेज में 500 करोड़ रुपए निवेश किए जाएंगे।
भविष्य के स्मार्ट सिटीज और निवेश संभावनाएं
नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला ने बताया कि आने वाले वर्षों में शहरीकरण की गति बढ़ने वाली है। 2054 तक भारत की 50 प्रतिशत से अधिक आबादी शहरी क्षेत्रों में रहेगी, इसलिए अभी से शहरों के समुचित विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इस विषय पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स की डायरेक्टर डॉ. डेबोलिना कुंडू, वर्ल्ड बैंक के कंट्री डायरेक्टर इंडिया अगस्ते टानो काउमी और अन्य विशेषज्ञों ने भी अपने विचार साझा किए।
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