मंत्रालय में ई-अटेंडेंस का विरोध, कर्मचारी बोले- बिना तैयारी लागू हो रहा सिस्टम

मध्य प्रदेश सरकार ई-अटेंडेंस सिस्टम लागू करने जा रही है, लेकिन कर्मचारियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि उचित इंफ्रास्ट्रक्चर और परिवहन सुविधाओं के बिना यह सिस्टम लागू करना मुश्किल हो सकता है।

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Ravi Singh
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 Ministry implements e attendance system

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Ministry E Attendance System : मध्य प्रदेश सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति दर्ज करने के लिए ई-अटेंडेंस सिस्टम लागू करने की योजना बनाई है। सीएम डॉ. मोहन यादव की पहल पर राज्य सरकार अब बायोमेट्रिक सिस्टम लागू करने जा रही है, जिससे कर्मचारियों की उपस्थिति पर सख्त नियंत्रण रहेगा। हालांकि, कर्मचारियों ने इस फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया है। विरोध का कारण बताते हुए कर्मचारियों ने कहा कि कार्यालयों में परिवहन सुविधाओं और उचित बुनियादी ढांचे की कमी होना है। अब देखना यह है कि सरकार इस योजना को सफल बना पाती है या कर्मचारियों के विरोध का सामना करना पड़ता है।

ई-अटेंडेंस प्रणाली का विरोध

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित नई बायोमेट्रिक ई-अटेंडेंस प्रणाली का कर्मचारियों ने विरोध शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि पर्याप्त परिवहन और आवश्यक बुनियादी ढांचे के बिना इस प्रणाली को लागू करने से कर्मचारियों को परेशानी हो सकती है। राज्य के कई दफ्तरों में ई-फाइलिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है, जिसके कारण कर्मचारियों को मैनुअल फाइलों के साथ-साथ ई-फाइलिंग भी करनी पड़ रही है, जिससे काम में दोहराव हो रहा है।

कर्मचारियों की मांगें और विरोध के कारण

कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने बिना किसी तैयारी के ई-अटेंडेंस लागू करने का फैसला किया है। उनकी मांग है कि सबसे पहले परिवहन सुविधाओं और दफ्तरों में जरूरी बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाए ताकि ई-अटेंडेंस की प्रक्रिया सुचारू और प्रभावी हो सके। साथ ही कर्मचारियों का यह भी कहना है कि बिना कोई वैकल्पिक योजना तैयार किए इस नई व्यवस्था को लागू करना समय और संसाधनों की बर्बादी हो सकती है।

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सरकार से प्रतिनिधियों की मुलाकात

कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार और जनप्रतिनिधियों के समक्ष अपनी समस्याएं रखने का निर्णय लिया है। वे भोपाल जिले के प्रभारी मंत्री से भी मिलेंगे, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके। कर्मचारियों का मानना ​​है कि यदि उनके सुझावों पर विचार नहीं किया गया तो ई-अटेंडेंस प्रणाली के सफल क्रियान्वयन में बाधाएं आ सकती हैं।

2016 में भी ई-अटेंडेंस लागू करने की कोशिश

इससे पहले 2016 में भी ई-अटेंडेंस लागू करने की कोशिश की गई थी, लेकिन कर्मचारियों के विरोध के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका था। उस समय मंत्रालय में सॉफ्टवेयर खरीदा गया था, थंब इंप्रेशन मशीनें भी लगाई गई थीं, जो बाद में खराब हो गईं।

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जानें अटेंडेंस के नए सिस्टम के बारे में

इस नई व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को मंत्रालय में प्रवेश करते और बाहर निकलते समय अपना चेहरा और रेटिना स्कैन करवाना होगा। यह उन्नत प्रणाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके उम्र के साथ चेहरे में होने वाले बदलावों को भी पहचान सकेगी। अभी मंत्रालय में मैनुअल अटेंडेंस और थंब मशीन का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे कर्मचारियों की वास्तविक उपस्थिति का पता नहीं चल पाता। इस नई व्यवस्था से कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित होगी और मंत्रालय की सुरक्षा भी मजबूत होगी।

सिस्टम कैसे करेगा काम

आधार आधारित फेस अटेंडेंस सिस्टम स्कैनर की मदद से व्यक्ति के चेहरे को स्कैन करेगा। यह स्कैन आधार डेटाबेस में मौजूद संबंधित व्यक्ति के फेशियल डेटा से चेहरे का मिलान करेगा। इसके बाद कर्मचारी का आधार नंबर फेस अटेंडेंस प्रोफाइल से लिंक हो जाएगा।

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