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मध्य प्रदेश सरकार महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग समेत 17 धार्मिक शहरों में शराबबंदी लागू करने का निर्णय ले सकती है। इसको लेकर महेश्वर में शुक्रवार यानी आज 24 जनवरी को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है। जिन स्थानों पर शराबबंदी का प्रस्ताव है, उनमें उज्जैन, ओरछा, चित्रकूट, अमरकंटक और महेश्वर जैसे धार्मिक स्थल शामिल हैं। इस निर्णय से राज्य में कुल 17 शराब दुकानें बंद हो जाएंगी, जिनमें उज्जैन की सबसे अधिक दुकानें हैं।
सीएम मोहन यादव का शराबबंदी का ऐलान, 17 धार्मिक स्थलों की दुकानों पर ताले
शराबबंदी से होगा 400 करोड़ का राजस्व नुकसान
शराबबंदी के कारण राज्य सरकार को लगभग 400 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा। अभी राज्य को शराब बिक्री से लगभग 13,941 करोड़ रुपए की आय होती है। हालांकि, नई नीति में लाइसेंस फीस 20% बढ़ाने का प्रस्ताव है, जिससे 2,788 करोड़ रुपए अतिरिक्त राजस्व मिलने की संभावना है। इसके बाद भी शराबबंदी के बावजूद कुल राजस्व 16,329 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
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कैसे होगी राजस्व की भरपाई?
नई शराब नीति के तहत
दुकानों की लाइसेंस फीस 20% बढ़ाई जाएगी।
अगर किसी जिले में 80% दुकानें नई दरों पर रिन्यू की जाती हैं, तो उन्हें ही रिन्यू माना जाएगा।
जहां 80% से कम दुकानें रिन्यू होंगी, वहां दोबारा टेंडर जारी किए जाएंगे।
यह कदम शराबबंदी से होने वाले घाटे की भरपाई करने के लिए उठाया गया है।
नई तबादला नीति-2025: तत्काल निर्णय का प्रावधान
बैठक में नई तबादला नीति-2025 पर भी चर्चा हुई। इस नीति के तहत
कोर्ट के आदेश, बीमारी, दिव्यांगता या अन्य आकस्मिक कारणों से आवश्यक तबादले सालभर किए जा सकेंगे।
प्रभारी मंत्रियों को विशेष तबादले के अधिकार दिए जाएंगे।
नई नीति अप्रैल में लागू होगी, जिसके बाद तबादलों पर लगी रोक हटा ली जाएगी।
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