/sootr/media/media_files/2025/10/03/mp-government-new-rules-gift-leave-purchase-for-employees-2025-10-03-10-54-18.jpg)
मध्यप्रदेश सरकार इस दिवाली को सरकारी कर्मचारियों के लिए खास बनाने जा रही है। अब चतुर्थ श्रेणी से लेकर क्लास वन अफसरों तक को कई नए फायदे मिलेंगे, जिनसे उनका जीवन आसान और बेहतर होगा। सरकार अपने पुराने सिविल सेवा आचरण नियमों में बदलाव करने जा रही है, जो करीब 60 साल पुराने थे। इस बदलाव के तहत, अब कर्मचारी महंगे गिफ्ट ले सकेंगे, और इसके लिए सरकार को सूचना देने की जरूरत नहीं होगी।
इसके अलावा, कई और बदलाव किए गए हैं जिनका मकसद कागजी काम को कम करना और कर्मचारियों के काम को और भी सरल बनाना है। ये कदम कर्मचारियों के लिए काफी राहत देने वाले साबित होंगे और दिवाली पर उन्हें खुशियां और सहूलत मिलेगी।
मप्र सिविल सेवा आचरण नियम नियमों में बड़ा बदलाव
मध्य प्रदेश सरकार 1965 के सिविल सेवा आचरण नियमों को 2025 में संशोधित कर सकती है। इस संशोधन के बाद सरकारी कर्मचारी महंगे गिफ्ट ले सकेंगे, और इसके लिए उन्हें सरकार को सूचना देने की आवश्यकता नहीं होगी। इस बदलाव से कर्मचारियों को अपना काम बिना किसी अड़चन के करने की सुविधा मिलेगी।
सरकार की कोशिश है कि इसे दिवाली से पहले कैबिनेट से मंजूरी मिल जाए और इसके बाद नोटिफाई भी कर दिया जाए। इसके बाद 1965 के आचरण नियमों को बदलकर 2025 के संशोधित आचरण नियम लागू किए जाएंगे। शासन का मानना है कि इन बदलावों से अनावश्यक कागजी कार्रवाई को खत्म किया जा सकेगा।
गिफ्ट लेने के तीन विकल्प
इस बदलाव के बाद, मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारी अपनी वेतन के बराबर गिफ्ट ले सकेंगे। इसके लिए तीन विकल्प रखे गए हैं:
10 दिन के वेतन के बराबर गिफ्ट
15 दिन के वेतन के बराबर गिफ्ट
एक महीने के वेतन के बराबर गिफ्ट
यह विकल्प सिर्फ एक बार मंजूरी के साथ लागू होगा। पहले के नियमों के अनुसार, किसी भी उपहार को लेकर कर्मचारियों को सरकार को एक महीने के अंदर सूचना देनी होती थी। नए नियमों में यह बाध्यता खत्म कर दी गई है।
खबरें ये भी...
सीएम मोहन यादव का बड़ा ऐलान: लाड़ली बहना को भाई दूज से मिलेंगे 1500 रुपए
अक्टूबर में इन लाड़ली बहनों को नहीं मिलेगी 29वीं किस्त, इस प्रक्रिया ने फंसाई पेंच
सामान खरीदने के नियमों में बदलाव
अब सरकारी कर्मचारियों को कोई भी महंगा सामान खरीदने पर सरकार को सूचना देने की आवश्यकता नहीं होगी, अगर वह सामान उनके मासिक वेतन के बराबर है। इससे पहले, किसी भी सामान की खरीदारी पर, कर्मचारियों को सरकार को एक महीने के भीतर सूचित करना पड़ता था।
छुट्टी लेने के नियमों में बदलाव
जानकारी के अनुसार, अब सरकारी कर्मचारी आकस्मिक या मेडिकल अवकाश लेने के लिए सिर्फ एक संदेश या व्हाट्सएप के जरिए अनुमति ले सकते हैं। अन्य छुट्टियों (अर्जित या ऐच्छिक) के लिए उन्हें पहले अनुमति लेनी होगी।
- पुराना नियम: किसी भी प्रकार के अवकाश (जैसे मेडिकल, आकस्मिक, अर्जित या एच्छिक) लेने से पहले सरकार को सूचित करना पड़ता था।
खबरें ये भी...
दिवाली से पहले किसानों को मोदी सरकार का बड़ा तोहफा, बढ़ाया गेहूं का MSP रेट, सीएम मोहन ये बोले
ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया का उपयोग
अगर कोई सरकारी कर्मचारी ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया पर रील या अन्य वीडियो बनाता है, तो इसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा, कर्मचारियों को हाउसिंग सोसाइटियों के अध्यक्ष या सदस्य बनने की अनुमति भी मिल सकती है, बिना किसी पूर्व स्वीकृति के।
ये जानना जरूरी
इस बदलाव के बाद, सरकारी कर्मचारी को अब अपने परिवार के सदस्य द्वारा किसी प्राइवेट संस्था या कंपनी में नौकरी करने की सूचना सरकार को नहीं देनी होगी।