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MP News: मध्य प्रदेश सरकार अब लाड़ली बहना योजना (Ladli Bahna Yojana) समेत अपनी तमाम फ्लैगशिप योजनाओं का सोशल ऑडिट कराने जा रही है। यह ऑडिट केवल कागजों पर नहीं रहेगा, बल्कि अधिकारी और कर्मचारी घर-घर जाकर लाभार्थियों से संपर्क करेंगे और योजनाओं के प्रभाव व कमियों की जानकारी जुटाएंगे।
शासन स्तर पर सोशल ऑडिट के लिए योजना तैयार की जा रही है। इसका प्रस्ताव सीएम मोहन यादव (CM Mohan yadav) के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। स्वीकृति मिलने के बाद विभागों के बीच समन्वय बनाकर ऑडिट की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसका उद्देश्य सिर्फ योजनाओं की रिपोर्ट बनाना नहीं, बल्कि उनकी प्रभावशीलता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
वर्ष 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले शुरू की गई लाड़ली बहना योजना के तहत राज्य की 1.17 करोड़ महिलाएं प्रतिमाह 1250 रुपये की सहायता राशि प्राप्त कर रही हैं। इस योजना पर हर महीने लगभग 1550 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस योजना के लिए 18,669 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। यह योजना इतनी लोकप्रिय रही कि इसे महाराष्ट्र में भी लागू किया गया, और दिल्ली चुनाव में भाजपा ने इसी तर्ज पर वादा किया।
इस सोशल ऑडिट के अंतर्गत रिपोर्ट कैग (CAG) की तरह तैयार की जाएगी, अंतर केवल इतना होगा कि इसमें वित्तीय नहीं, सामाजिक प्रभाव का मूल्यांकन किया जाएगा। इसका उद्देश्य योजनाओं की जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
योजनाओं के लाभार्थियों से संपर्क करने के लिए सरकार जनसेवा मित्रों की सेवाएं लेने पर विचार कर रही है। प्रदेश में 9390 जनसेवा मित्र हैं, जिनकी सेवाएं पिछले वर्ष पूरी हो चुकी हैं। यदि योजना लागू होती है, तो इन्हीं के माध्यम से सोशल ऑडिट करवाया जा सकता है।
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