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Photograph: (the sootr)
BHOPAL. ​मध्य प्रदेश के सरकारी महकमों में कर्मचारियों के चार कैडर खत्म कर दिए गए हैं। वित्त विभाग ने मंगलवार को इस आशय का आदेश जारी किया। प्रदेश के करीब डेढ़ लाख कर्मचारी इसके दायरे में आएंगे। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने सरकार के इस निर्णय का विरोध करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
प्रदेश कर्मचारियों के चार संवर्गों को समाप्त किए जाने का फैसला गत 16 दिसंबर को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया था। इसका हवाला देते हुए वित्त विभाग ने मंगलवार को सभी विभाग प्रमुखों के नाम एक आदेश जारी किया। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।
इन श्रेणियों के कर्मचारियों की नहीं होगी भर्ती
वित्त विभाग ने सरकार के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि भविष्य में कार्यभारित (वर्कचार्ज),आकस्मिक स्थापना(कंटिनजेंसी),स्थायी कर्मी (दैनिक वेतन भोगी) और स्थायी वर्गीकृत (240 दिवसीय सेवा)संवर्ग में किसी को शासकीय सेवा में ना रखा जाए।
आदेश में कहा गया कि वर्तमान में उक्त श्रेणियों में कार्यरत कर्मचारियों की सेवानिवृति होने के साथ ही उनका पद भी सांख्येतर यानी डाइंग होगा। इस निर्णय का अर्थ है कि इन पदों पर अब कोई नई भर्ती नहीं होगी।
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करीब डेढ़ लाख पद होंगे खत्म
प्रदेश में इन चार कैडर में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या लगभग 1.25 लाख से 1.50 लाख के बीच बताई जा रही है। जैसे-जैसे मौजूदा कर्मचारी सेवानिवृत्त होंगे या पद रिक्त होंगे,ये पद अपने आप समाप्त होते जाएंगे।
इस फैसले के बाद मध्यप्रदेश शासन में अब केवल तीन तरह की सेवाएं रहेंगी। इनमें नियमित (रेगुलर),संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) और आउटसोर्स शामिल हैं।
मप्र कर्मचारी मंच ने जताया विरोध
इधर,मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने सरकार के इस फैसले का विरोध जताया है। मंच ने वित्त विभाग के आदेश को कर्मचारी विरोधी बताते हुए
आंदोलन की चेतावनी दी है। मंच के प्रदेशाध्यक्ष अशोक पांडे ने कहा कि मंच उक्त आदेश के खिलाफ 28 दिसंबर को राजधानी के अंबेडकर मैदान में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगा।
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दिहाड़ी कर्मचारी हुए अधिकार विहीन
पांडे ने कहा कि सरकार ने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के पद समाप्त कर उन्हें अधिकार विहीन कर दिया है। वहीं,अंशकालीन कर्मचारियों का भविष्य भी अंधकारमय किया गया। मंच प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि वित्त विभाग के ताजा आदेश से प्रदेश के छोटे संवर्ग के डेढ़ लाख कर्मचारी श्रमिकों में असंतोष व्याप्त है।
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