एमपी में 72 हजार अतिथि शिक्षकों के साथ वादाखिलाफी, हर साल कुछ महीने के लिए हो रहे आकांक्षी

मध्यप्रदेश में 72 हजार अतिथि शिक्षकों के लिए हर साल कुछ महीनों के लिए आकांक्षी बनना एक सामान्य प्रक्रिया बन गई है। सरकार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक...

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Sanjay gupta
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मध्‍य प्रदेश में आकांक्षी की गिनती में 72 हजार और जुड़ गए हैं। जी हां, मप्र के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षक हर साल कुछ महीनों के लिए आकांक्षी (बेरोजगारों को दिया गया नया नाम) बन जाते हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के एक आदेश से यह 1 मई से फिर आकांक्षी बन गए हैं।  

कैसे बन जाते हैं नौकरी करते-करते आकांक्षी  

मप्र के स्कूल में अतिथि शिक्षकों की भर्ती शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद होती है, बीते साल तो यह भर्ती अक्टूबर-नवंबर तक चली, जब आधा सत्र बीत गया था। हर साल इन्हें 30 अप्रैल को सेवा मुक्त कर दिया जाता है, यानी गर्मियों की छुट्टी लगते ही इनकी भी छुट्टी हो जाती है। इसके बाद फिर जुलाई से भर्ती प्रक्रिया दोबारा की जाती है। जब यह नौकरी पर नहीं रहते तो वेतन भी नहीं मिलता है। जितने महीने काम करते हैं उतने ही माह का वेतन मिलता है।  

अभी स्कूल शिक्षा विभाग ने फिर निकाला आदेश  

लोक शिक्षण संचालनालय मप्र ने सभी जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, संकुल प्राचार्य और शाला प्रभारी (शासकीय विद्यालय) के लिए फिर से आदेश जारी कर दिया है। इसके तहत शैक्षणिक सत्र 2024-25 में नियुक्त अतिथि शिक्षकों की सेवाएं 30 अप्रैल 2025 तक ही जारी रखे जाने का आदेश है। यानी अब अतिथि शिक्षक मुक्त हो गए और अब नई भर्ती होगी।  

तत्कालीन सीएम चौहान कर चुके थे वादा  

मप्र में विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हर वर्ग से कई वादे किए। इसी कड़ी में 2 सितंबर 2023 को मध्यप्रदेश सरकार ने अतिथि शिक्षक महापंचायत आयोजित कर वार्षिक अनुबंध, गुरुजियों की भांति विभागीय परीक्षा लेकर नियमितीकरण, सीधी भर्ती में बोनस अंक देने सहित कई वादे किए। लेकिन वार्षिक अनुबंध नहीं होने से इन्हें हर साल कुछ माह के लिए आकांक्षी बनना पड़ता है और वेतन नहीं मिलता है।  

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हमारे वादे पूरे करो, 10 मई को करेंगे बैठक  

अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग की है कि अतिथि शिक्षकों की सेवाएं स्थाई शिक्षकों की भांति जारी रखें। अतिथि शिक्षकों का मध्यप्रदेश की शिक्षा व्यवस्था सुधारने में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेश सचिव रविकांत गुप्ता ने बताया है कि 10 मई को बैठक आयोजित होगी। जिसमें समस्त संगठनों को आमंत्रित किया जाएगा। सर्वसहमति से आगामी रणनीति तय करेंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री उदयप्रताप सिंह से हम अपने हितों के लिए मांग करेंगे।  

मप्र में अतिथि शिक्षकों की संख्या, वेतन  

  • मप्र में वर्ग 1 (कक्षा नौवीं से 12वीं तक पढ़ाने वाले) में- करीब 15 हजार शिक्षक हैं, वेतन 18 हजार प्रतिमाह है  
  • वर्ग 2 (कक्षा 6 से 8वीं तक पढ़ाने वाले)- करीब 35 हजार शिक्षक, वेतन 14 हजार प्रतिमाह  
  • वर्ग 3 (प्राइमरी पांचवीं तक पढ़ाने वाले)- करीब 25 हजार शिक्षक, वेतन 10 हजार प्रतिमाह  

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बोनस अंक जरूरी, 50 फीसदी आरक्षण से फायदा नहीं  

मप्र शासन ने हाल ही में फैसला लिया था कि सीधी भर्ती में अतिथि शिक्षकों को 50 फीसदी पद दिए जाएंगे। इस पर अतिथि शिक्षकों का कहना है कि यह सीधी भर्ती में लाभ नए युवा अतिथि शिक्षक ले जाते हैं जो सालों से पढ़ा रहे उन्हें फायदा बोनस अंकों से होगा, हर साल के अनुभव के हिसाब से बोनस अंक देने की बात हुई थी जो नहीं हुई। इसलिए हमें बोनस अंक और वार्षिक अनुबंध से ही लाभ होगा, नहीं तो हर साल ऐसे ही कुछ महीने घर बैठना होगा।

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