स्कूल शिक्षा मंत्री का बड़ा बयान, अतिथि शिक्षक भर्ती पर रोक का बताया ये कारण!

मध्‍य प्रदेश सरकार ने अतिथि शिक्षकों (Guest Teachers) की स्थाई भर्ती को लेकर बड़ा झटका दिया है। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने विधानसभा में स्पष्ट किया कि अतिथि शिक्षकों के लिए अलग से कोई पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी।

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Rohit Sahu
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uday pratap singh
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 मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षकों (MP Guest Teachers) के लिए एक बार फिर निराशाजनक खबर आई है। मध्य प्रदेश सरकार ने अतिथि शिक्षकों (Guest Teachers) की स्थाई भर्ती को लेकर बड़ा झटका दिया है। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने विधानसभा में स्पष्ट किया कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई घोषणा को लागू करने की कोई योजना नहीं है। यानी, अतिथि शिक्षकों को अब भी इंतजार करना पड़ेगा।

विपक्ष ने विधानसभा पूछा सवाल

विधानसभा में विधायक तेजबहादुर सिंह चौहान ने सवाल किया था कि क्या सरकार अतिथि शिक्षकों के स्थायीकरण के लिए कोई प्रक्रिया शुरू करने जा रही है? क्या 2025-26 तक इस घोषणा को मूर्त रूप दिया जाएगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री का जवाब

क्या 2025-26 तक इस घोषणा को मूर्त रूप दिया जाएगा? इस सवाल पर मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा जी नहीं। इसके बाद स्पष्ट किया कि अतिथि शिक्षकों के लिए अलग से कोई पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पात्रता परीक्षा की घोषणा की थी, न कि विभागीय परीक्षा की। स्कूल शिक्षा विभाग के भर्ती नियमों में पात्रता परीक्षा और चयन परीक्षा का प्रावधान है, जिसमें अतिथि शिक्षकों को आरक्षण का प्रावधान भी शामिल है।

क्या थी पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा?

तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान ने 2 सितंबर 2023 को भोपाल में अतिथि शिक्षकों की महापंचायत बुलाकर वादा किया था कि उनके स्थायीकरण के लिए अलग से विभागीय परीक्षा करवाई जाएगी। इससे हजारों अतिथि शिक्षकों को उम्मीद जगी थी कि उनकी नौकरी स्थाई हो जाएगी। लेकिन अब सरकार ने यह कहकर झाड़ू फेर दी कि "पात्रता परीक्षा की बात हुई थी, न कि विभागीय परीक्षा की!

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क्या अतिथि शिक्षक सिर्फ वोट बैंक हैं?

पिछले कई वर्षों से अतिथि शिक्षक चुनावी मुद्दा बनते रहे हैं। जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, सरकारें बड़े-बड़े वादे कर देती हैं, लेकिन चुनाव के बाद सब भुला दिया जाता है। इस बार भी वैसा ही हुआ। विधानसभा चुनाव से पहले भर्ती का सपना दिखाया गया और अब सरकार वादा पूरा नहीं कर रही है। सरकार ने हाल ही में विभिन्न विभागों में नियमित भर्ती प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन अतिथि शिक्षकों के मुद्दे पर चुप्पी साध ली गई है। 

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