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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से जुड़े तीन अहम मामलों में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिससे प्रदेश के सैकड़ों अभ्यर्थियों को राहत मिली है। हाईकोर्ट ने TET 2020 पास अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2024 में शामिल होने की अनुमति दी है, अधिकतम आयु सीमा विवाद में छूट दी है और अतिथि शिक्षकों को बिना अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड किए आवेदन करने की सुविधा भी दे दी है।
पहला मामला: प्राथमिक शिक्षक TET 2020 पास अभ्यर्थियों को राहत
बुरहानपुर निवासी आकांक्षा और अन्य अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर यह तर्क दिया कि 2023 की नियम पुस्तिका के अनुसार, 2018 के बाद आयोजित किसी भी शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) की वैधता आजीवन होगी। इसके बावजूद, मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड (ESB) ने प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2024 में TET 2020 पास अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किया। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता धीरज तिवारी ने कोर्ट को अवगत कराया कि 2023 की नियम पुस्तिका के क्लॉज 7.4 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि 2018 और उसके बाद की TET परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को दोबारा पात्रता परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी।
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हाईकोर्ट ने दलील से जताई सहमति
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की दलील से सहमति जताते हुए अंतरिम राहत प्रदान की और आदेश दिया कि TET 2020 पास अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2024 में आवेदन कर सकते हैं और परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, उनकी नियुक्ति हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी। इस फैसले के बाद अब प्रदेश के सैकड़ों TET 2020 पास अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी। अब वे भर्ती परीक्षा 2024 में शामिल होकर अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं।
दूसरा मामला: अधिकतम आयु सीमा में छूट का विवाद
विदिशा निवासी अरविंद रघुवंशी और अन्य ने अधिकतम आयु सीमा को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। भर्ती विज्ञापन (31.12.2024) के तहत अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष तय की गई थी। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि उन्होंने 2018 में पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की थी, पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करते समय उनकी आयु 39 साल थी, और वर्तमान में उनकी आयु 41 साल है। उन्होंने यह भी बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) के आदेश दिनांक 18.09.2022 के अनुसार अधिकतम आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट मिलनी चाहिए, जिससे उनकी आयु 43 साल तक स्वीकार्य होनी चाहिए।
हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत प्रदान करते हुए याचिकाकर्ताओं को भर्ती परीक्षा में आवेदन करने और भाग लेने की अनुमति दी।यह आदेश मामले की अगली सुनवाई तक प्रभावी रहेगा। इस फैसले के बाद आयु सीमा विवाद के कारण भर्ती प्रक्रिया से बाहर किए गए कई अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी। अब वे अभ्यर्थी भी परीक्षा में शामिल हो सकेंगे और चयन प्रक्रिया में अपनी दावेदारी मजबूत कर पाएंगे।
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तीसरा मामला: अतिथि शिक्षक बिना अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड किए भर सकेंगे आवेदन
टीकमगढ़ निवासी शैलेन्द्र यादव और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर यह तर्क दिया कि मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड (ESB) ने भर्ती प्रक्रिया में आवेदन करते समय ही अतिथि शिक्षकों को अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड करने को अनिवार्य किया गया है। कर्मचारी चयन बोर्ड ने छूट न देने का अन्यायपूर्ण निर्णय लिया। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता धीरज तिवारी ने कोर्ट को बताया कि अतिथि शिक्षक पहले ही सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे चुके हैं और अनुभव प्रमाण पत्र की अनिवार्यता न होना भर्ती प्रक्रिया में भेदभावपूर्ण स्थिति उत्पन्न करता है।
अतिथि शिक्षकों को अंतरिम राहत, आवेदन की अनुमति
हाईकोर्ट ने अतिथि शिक्षकों को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए बिना अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड किए आवेदन करने की अनुमति दी। यह आदेश मामले की अगली सुनवाई तक प्रभावी रहेगा। इस फैसले के बाद अतिथि शिक्षकों की आवेदन प्रक्रिया अब सरल हो जाएगी,कई योग्य शिक्षकों को भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लेने का अवसर मिलेगा। कानून के जानकारों के अनुसार यह उम्मीद है कि अगली सुनवाई में इन भर्तियों में आवेदन करने की अंतिम तारीख भी बढ़ने वाली है।
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हजारों अभ्यर्थियों को मिली है हाईकोर्ट से राहत
इस ऐतिहासिक फैसले से प्रदेश के TET 2020 पास अभ्यर्थियों, आयु सीमा विवाद में फंसे उम्मीदवारों और अतिथि शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। फैसलों के बाद अब TET 2020 पास अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। वहीं आयु सीमा में छूट के कारण कई उम्मीदवारों को आवेदन का अवसर मिलेगा और अतिथि शिक्षकों के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल हो गई है।
दो सप्ताह बाद होगी मामलों की दोबारा सुनवाई
तीनों मामलों में याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता धीरज तिवारी ने जोरदार पैरवी की और कोर्ट को यह समझाने में सफल रहे कि ESB द्वारा लागू किए गए नियम अभ्यर्थियों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर रहे थे। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने TET 2020 और आयु सीमा मामले में राहत दी है वहीं अतिथि शिक्षक मामले में जस्टिस द्वारकाधीश बंसल की एकल पीठ ने फैसला सुनाया। अब जबलपुर हाईकोर्ट में इन तीनों मामलों की सुनवाई दो सप्ताह बाद दोबारा तय की गई है।
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