मध्य प्रदेश के ग्वालियर में महाराज श्रीमंत जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया। इस अवसर पर उन्होंने महाराज जीवाजी राव के योगदान और शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि शिक्षा ही लोकतंत्र और संविधान का आधार है। इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति के साथ राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई महत्वपूर्ण लोग मौजूद थे। ग्वालियर के लिए यह दिन ऐतिहासिक रहा, क्योंकि इसी दिन भू विज्ञान संग्रहालय का भी उद्घाटन हुआ।
माधवराव सिंधिया का योगदान शब्दों में नहीं होगा बयां
कार्यक्रम में अपने संबोधन में उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने कहा कि आज का दिन उनके लिए अविस्मरणीय और भावनात्मक दिन है। उन्होंने राजनीति में सिंधिया परिवार की तीन पीढ़ियों का जिक्र करते हुए 1989 में राजमाता के आशीर्वाद का जिक्र किया। धनखड़ ने यह भी कहा कि माधवराव सिंधिया की कार्यशैली और योगदान को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उनका काम और मेहनत आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है।
शिक्षा और लोकतंत्र का महत्व
उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर महाराज जीवाजी राव सिंधिया के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका मानना था कि शिक्षा से ही समानता और जागरूकता आती है। शिक्षा लोकतंत्र और संविधान का आधार है, और यही कारण था कि जीवाजी राव ने शिक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाई थी। उन्होंने यह भी कहा कि आज का समय गुणवत्ता वाली शिक्षा की आवश्यकता को महसूस कर रहा है, और यही लोकतंत्र के समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
ग्वालियर के लिए ऐतिहासिक दिन- सीएम मोहन यादव
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम के दौरान ग्वालियर के लिए इस दिन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि आज दो महत्वपूर्ण कार्यक्रम हुए हैं। एक तरफ भू विज्ञान संग्रहालय का उद्घाटन हुआ, वहीं दूसरी तरफ महाराज जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण भी हुआ। ग्वालियर के लिए यह गौरव का क्षण है, क्योंकि यह शहर सिंधिया परिवार की ऐतिहासिक विरासत का हिस्सा है।
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भविष्य के लिए विजन और शिक्षा की अहमियत
उपराष्ट्रपति ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की तारीफ करते हुए कहा कि वह महाराज जीवाजी राव के नक्शे कदम पर चल रहे हैं और उनके पास भविष्य के लिए स्पष्ट विजन है। उन्होंने शिक्षा को व्यवसाय की बजाय सेवा के रूप में लेने की आवश्यकता पर जोर दिया और छात्रों को भारतीय संसद का अनुभव करने के लिए आमंत्रित किया। यह संदेश शिक्षा के प्रति समर्पण और गुणवत्ता की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
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