MP NEWS : चांदीपुरा वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, जानें कैसे फैलता है ये संक्रम , क्या है लक्षणों की पहचान?

चांदीपुरा वायरस को लेकर मध्यप्रदेश अलर्ट मोड पर है। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए है। गुजरात में जो मरीजे मिले उनमें एक एमपी का रहने वाला है।

Advertisment
author-image
Vikram Jain
New Update
MP Health Department alert regarding Chandipura virus
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

BHOPAL.  मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्य गुजरात में चांदीपुरा वायरस के मामले सामने आने के बाद एमपी में स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा चांदीपुरा वायरस की स्थिति पर सतत निगरानी रखी जा रही है। हम स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं। आपको बता दें कि पूरे देश में इस बीमारी को लेकर अलर्ट है।

एमपी का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

गुजरात में चांदीपुरा वायरस के मरीज मिलने के बाद के बाद एमपी का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। गुजरात में जिन रोगियों में इस बीमारी की पुष्टि हुई है, उनमें एक मध्य प्रदेश का निवासी भी है। हालांकि राहत की बात यह है कि अभी तक प्रदेश में चांदीपुरा वायरस का कोई मामला नहीं आया है।

डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने दिए निर्देश

अब इसको लेकर डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने अधिकारियों को कड़ाई से नजर बनाए रखने को कहा है। डिप्टी सीएम ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा चांदीपुरा वायरस की स्थिति पर सतत नजर रखी जा रही है। हम स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अभी तक प्रदेश में चांदीपुरा वायरस का कोई मामला नहीं आया है। एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आइडीएसपी) पोर्टल पर सभी डिटेल अपडेट की जा रही हैं। हमारे पास वायरस की पहचान के लिए सभी आवश्यक उपकरण और सुविधाएं उपलब्ध हैं।

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में इस बीमारी को लेकर विशेषज्ञों की टीम के साथ समीक्षा भी की। गोयल के अनुसार 20 जुलाई तक एईएस के (एक्यूट एन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम) के 78 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 75 गुजरात, दो राजस्थान और एक मध्य प्रदेश से है। इनमें से 28 मामलों में मौत की बात भी सामने आ रही है। 

जानें क्या है चांदीपुरा वायरस ?

ये जानना जरूरी है कि कोरोना के बाद जो वायरस लोगों में दहशत फैला रहा है आखिर वो वायरस है क्या और वो लोगों में कैसे फैलता है। आइए जानते हैं कि चांदीपुरा वायरस क्या है और इसके लक्षणों की पहचान कैसे करें। किन लोगों को इस वायरस से खतरा ज्यादा है।

चांदीपुरा वायरस CHPV रबडोविरिडे फैमिली का एक वायरस है, जिसमें रेबीज का कारण बनने वाले लाइसावायरस जैसे अन्य सदस्य भी शामिल हैं। सैंडफ्लाइज की कई प्रजातियां जैसे फ़्लेबोटोमाइन सैंडफ़्लाइज़ और फ़्लेबोटोमस पपाटासी, और कुछ मच्छर प्रजातियां जैसे एडीज एजिप्टी (जो डेंगू का वाहक भी है) को CHPV का वाहक माना जाता है। ये वायरस इन कीड़ों की लार ग्रंथि में रहता है, और इंसान को काटकर उसके शरीर में प्रवेश करता है। वायरस के कारण होने वाला ये संक्रमण केंद्रीय तंत्रिका तंत्र तक पहुंच सकता है जिससे एन्सेफलाइटिस (दिमाग के टिशू में सूजन होना) हो सकता है।

ये खबर भी पढ़ें... योगी सरकार के नेमप्लेट वाले पर फैसले पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने उठाए सवाल , बोले- दोनों धर्मों में बढ़ेगा विद्वेष

संक्रमण के लक्षण क्या हैं?

सीएचडीओ,असवल्ली, डॉक्टर एम.ए.सिद्दीकी ने बताया कि  CHPV संक्रमण सैंडफ्लाइज़ नाम के मच्छर के काटने से होता है। इसकी चपेट में आने पर शुरू में फ्लू जैसे लक्षण देखने को मिलते है। इस संक्रमण की चपेट में आकर तेज बुखार (104 तक) हो सकता है, डायरिया, शरीर में दर्द और सिरदर्द जैसी परेशानी होती है। इसके बाद यह वायरस सेंसोरियम (sensorium) और एन्सेफलाइटिस encephalitis में बदल सकता है। दूसरे लक्षणों में सांस लेने में दिक्कत होना, ब्लीडिंग और एनीमिया जैसे लक्षणों को भी देखा गया है। एन्सेफलाइटिस के बाद संक्रमण तेजी से बढ़ता है, जिससे अस्पताल में भर्ती होने के 24-48 घंटों के अंदर मरीज की मौत हो सकती है। 15 साल से कम उम्र के बच्चों को इससे ज्यादा नुकसान होने का अंदेशा है।

अहमदाबाद सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश जोशी ने कहा कि इस वायरस का प्रकोप अक्सर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में लोगों को ज्यादा परेशान कर रहा है। इन क्षेत्रों में सैंडफ्लाइज़ मच्छर के फैलने के आसार ज्यादा है। एक्सपर्ट के मुताबिक ये संक्रमण मौसमी बदलाव है जिसकी वजह से मक्खियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।

यह बीमारी मच्छर या मक्खी के काटने से होती है। शुरूआत में मरीज में फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं। इसके बाद पीड़ित को बुखार आता है। मस्तिष्क में सूजन होने पर रोगी की मौत भी हो सकती है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र के नागपुर जिले के चांदीपुरा गांव में साल 1966 में इस वायरस से प्रभावित रोगी मिलने के बाद से इसका नाम चांदीपुरा वायरस पड़ा था।

चांदीपुरा वायरस से कैसे करें बचाव

भोपाल न्यूज उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल चांदीपुरा वायरस को लेकर एमपी में अलर्ट Chandipura virus चांदीपुरा वायरस के लक्षण चांदीपुरा वायरस के मामले