ध्वनि प्रदूषण पर HC सख्त, भोपाल की घटना का जिक्र, सरकार से मांगा जवाब

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भोपाल में ध्वनि प्रदूषण के कारण हुई बच्चे की मौत पर दुख जताया।

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Raj Singh
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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण पर चिंता जताई है। प्रदेश भर से लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जहां लाउडस्पीकर और डीजे की आवाज 100 डेसिबल की सीमा को पार कर रही है। इस मामले में कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने हाल ही में भोपाल में डीजे की तेज आवाज के कारण एक बच्चे की मौत पर भी हैरानी जताई है।

4 सप्ताह के अंदर दें जवाब: हाईकोर्ट

इस जनहित याचिका पर जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की बेंच ने सुनवाई की। कोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने सरकार से 4 सप्ताह के भीतर इसका समाधान और संभावित उपाय बताने को कहा है।

ध्वनि का स्तर 65 डेसिबल से ज्यादा नहीं

वकील आदित्य सांघी ने भोपाल में तेज आवाज के कारण एक बच्चे की मौत की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं बेहद दुखद हैं। उन्होंने कोर्ट में दलील दी कि बुजुर्गों के साथ ऐसी समस्याएं होती रही हैं, लेकिन अब तक इन घटनाओं को ध्वनि प्रदूषण से नहीं जोड़ा गया है। आदित्य सांघी यहीं नहीं रुके, उन्होंने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि डीजे या लाउडस्पीकर की ध्वनि का स्तर 65 डेसिबल से ज्यादा नहीं होना चाहिए। अगर यह इससे ज्यादा है तो यह स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है।

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फिर कब होगी सुनवाई?

हालांकि, इतनी गंभीर स्थिति के बावजूद पूरे राज्य में 100 डेसिबल से अधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाले लाउडस्पीकर और डीजे का इस्तेमाल जोरों पर जारी है। ऐसे में कोई भी एजेंसी इसकी जांच नहीं करती है, न ही इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करती है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट राज्य सरकार, केंद्र और राज्य प्रदूषण बोर्ड का जवाब आने के बाद इस मामले की दोबारा सुनवाई करेगा।

हमीदिया रोड पर सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण 

भोपाल के हमीदिया रोड पर सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण है। एमपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 6 महीने में हमीदिया रोड पर सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण अगस्त में 68 डेसिबल दर्ज किया गया, जो पिछले साल सिर्फ 65 डेसिबल था।

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बैरागढ़ में सबसे कम प्रदूषण 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भोपाल के इंडस्ट्रियल एरिया गोविंदपुरा के ध्वनि प्रदूषण से भी ज्यादा है। हालांकि, अगस्त और सितंबर में ध्वनि का स्तर फिर 68 और 67 डेसिबल तक पहुंच गया, जो पिछले साल से ज्यादा है। बैरागढ़ में सबसे कम 49 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण दर्ज किया गया, हालांकि यह साइलेंस जोन है। पर्यावरण आवासीय स्तर पर 2023 में ध्वनि प्रदूषण का स्तर 51 से 55 डेसिबल के बीच रहा।

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