मध्य प्रदेश की वरिष्ठ IAS अधिकारी शैलबाला मार्टिन ने धार्मिक स्थलों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर फिर से बहस छेड़ दी है। मोहन सरकार द्वारा पिछले साल ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जारी निर्देशों पर उस समय राजनीति गर्म थी। अब इस मुद्दे को मार्टिन ने अपने एक ट्वीट के जरिए फिर से चर्चा में ला दिया है।
जीएडी (GAD) में पदस्थ एडिशनल सेक्रेटरी (Additional Secretary) शैलबाला मार्टिन ने रविवार को X (पूर्व में ट्विटर) पर एक टिप्पणी करते हुए मंदिरों और मस्जिदों दोनों के लाउड स्पीकरों के उपयोग पर सवाल उठाए। मार्टिन की टिप्पणी एक वरिष्ठ पत्रकार के ट्वीट के जवाब में आई, जिसमें मस्जिदों के सामने तेज आवाज में डीजे बजाने के मुद्दे को उठाया गया था।
पहले पत्रकार का ट्वीट पढ़िए…
तर्क ये दिया जा रहा है कि मस्जिदों से लाउड स्पीकर से अज़ान की आवाज़ें जब लोगों को डिस्टर्ब करती हैं तो मस्जिदों के सामने डीजे बजाने से परेशानी क्यों होना चाहिए।
— Dr. Mukesh Kumar (@mukeshbudharwi) October 20, 2024
लेकिन डीजेवादियों से एक सवाल है कि अगर मस्जिदों से लाउड स्पीकर हटा दिए जाएं तो क्या डीजे और गंदी नारेबीज़ी बंद हो…
IAS ने मंदिरों के लाउडस्पीकर पर उठाए सवाल
पत्रकार के ट्वीट में मस्जिदों में लाउडस्पीकरों के उपयोग और बाहर डीजे बजाने की प्रथा पर सवाल किया गया था। उन्होंने कहा था कि अगर मस्जिदों में लाउडस्पीकरों का उपयोग बंद हो जाए तो क्या मस्जिदों के बाहर डीजे और नारेबाजी रुक जाएगी? इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शैलबाला मार्टिन ने मंदिरों के लाउडस्पीकरों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, "मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकर दूर तक ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं और आधी रात तक बजाए जाते हैं। तो क्या उनकी आवाज से कोई डिस्टर्ब नहीं होता?"
यह रहा IAS शैलबाला मार्टिन का जवाब
और मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकर, जो कई कई गलियों में दूर तक स्पीकर्स के माध्यम से ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं, जो आधी आधी रात तक बजते हैं उनसे किसी को डिस्टरबेंस नहीं होता🤔 https://t.co/rQ8axYQkre
— Shailbala Martin (@MartinShailbala) October 20, 2024
डीजे के उपयोग पर भी उठाए सवाल
इससे पहले, शुक्रवार को भी शैलबाला मार्टिन ने X पर एक और टिप्पणी की थी। उन्होंने भोपाल के चार इमली क्षेत्र, जहां मंत्री और पुलिस कमिश्नर रहते हैं, में तेज आवाज में बजने वाले डीजे और झांकियों के बारे में लिखा था। उनका कहना था कि इस क्षेत्र में तेज आवाज में डीजे बजाने पर कोई रोक-टोक नहीं थी। यह टिप्पणी मध्य प्रदेश में डीजे पर नाचते समय एक 13 साल के बच्चे की मौत के मामले पर थी, जिसमें उन्होंने प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठाए थे।
ध्वनि प्रदूषण और धार्मिक स्थल
धार्मिक स्थलों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण का मुद्दा लंबे समय से विवाद का विषय रहा है। मोहन सरकार ने पिछले साल इस पर दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसके तहत धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों के उपयोग को सीमित करने की बात कही गई थी। हालांकि, उस समय भी इस मुद्दे पर राजनीतिक बहस छिड़ गई थी।
मार्टिन का यह ट्वीट उसी बहस को दोबारा शुरू कर रहा है। उनकी टिप्पणी से स्पष्ट है कि धार्मिक स्थलों से आने वाली आवाजें, चाहे वे मस्जिदों की हों या मंदिरों की, ध्वनि प्रदूषण का कारण बन सकती हैं और इस पर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।
समाज और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
शैलबाला मार्टिन का ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कई लोग उनके साहस की सराहना कर रहे हैं कि उन्होंने धार्मिक स्थलों से जुड़े इस संवेदनशील मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय रखी। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि इस प्रकार के मुद्दों पर सार्वजनिक मंच पर टिप्पणी करने से समाज में विभाजन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। मार्टिन अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी स्पष्ट और साहसिक टिप्पणियों के लिए जानी जाती हैं, और इस बार भी उन्होंने एक गंभीर सामाजिक मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया है।
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