मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने NEET-PG काउंसलिंग में एनआरआई कोटे की सीटें भरने पर अंतरिम रोक लगा दी है। यह फैसला एक याचिका पर सुनवाई के दौरान लिया गया, जिसमें सीट मैट्रिक्स को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने फिलहाल इन सीटों के भरने पर रोक लगा दी है। इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
याचिका में क्या कहा गया?
भोपाल निवासी डॉ. ओजस यादव ने सीट मैट्रिक्स को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने यह तर्क दिया कि निजी मेडिकल कॉलेजों में 15% सीटें एनआरआई कोटे के लिए निर्धारित हैं, लेकिन डीएमई ने इस आरक्षण को सही तरीके से लागू नहीं किया। उन्होंने यह आरोप लगाया कि चुनिंदा 8 ब्रांचों में एनआरआई कोटे की सीटों का प्रतिशत 40-50% तक पहुंचा दिया गया, जबकि दूसरी ब्रांचों में यह सीमा 15% तक ही रखी गई।
काउंसलिंग प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप
डॉ. ओजस यादव ने यह भी आरोप लगाया कि डीएमई ने 22 तारीख की शाम को निजी कॉलेजों में खाली सीटों का विवरण पोर्टल पर पब्लिश (प्रकाशित) किया, लेकिन उम्मीदवारों से आपत्तियां और दावे दर्ज करने के लिए समय नहीं दिया। इसके बाद बिना समय दिए काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू कर दी गई, जो नियमों का उल्लंघन है।
सरकारी पक्ष का क्या कहना है?
सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता जाह्नवी पंडित ने इस मामले में कहा कि सभी प्रक्रियाएं (Process) नियमों के मुताबिक पूरी की गईं। उन्होंने यह भी साफ किया कि 15% सीटें NRI कोटे के लिए तय हैं और उसी के अनुरूप काउंसलिंग प्रक्रिया चल रही थी।
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