MP में भी चल रही पुष्पा जैसी सिंडिकेट, जंगल की कटाई पर HC ने सरकार को लताड़ा

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अवैध जंगल कटाई पर सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने 2019 के नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया, जिसमें 53 प्रजातियों के पेड़ों की कटाई पर छूट दी गई थी।

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Rohit Sahu
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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अवैध जंगल कटाई पर सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने 2019 के नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया, जिसमें 53 प्रजातियों के पेड़ों की कटाई पर छूट दी गई थी। कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि एमपी में फिल्म पुष्पा जैसी स्थिति हो गई है, जैसे पुष्पा में विधायक,तस्कर और अफसर मिलकर सिंडिकेट चलाते हैं,वही स्थिति एमपी में है।

एमपी में भी 'पुष्पा' जैसी साजिश!

एमपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने कहा कि जिस तरह फिल्म 'पुष्पा' में तस्करों का सिंडिकेट सरकार से ऊपर हो जाता है, वही स्थिति मध्य प्रदेश में दिख रही है। प्रशासन, वन विभाग और राजनेताओं की मिलीभगत से जंगलों में अवैध लूट जारी है।

कोर्ट ने सरकारी आदेश रद्द किया

2019 में सरकार ने 53 प्रकार के पेड़ों की कटाई और परिवहन को अनुमति दे दी थी। इस आदेश से जंगलों की कटाई को बढ़ावा मिला। कोर्ट ने इसे गलत बताते हुए निरस्त कर दिया। इसके साथ ही सरकार को जंगलों में हो रही अवैध कटाई रोकने के निर्देश दिए हैं।

सरकार ने दी थी छूट

24 सितंबर 2019 को एमपी सरकार ने एक आदेश जारी किया था। इसमें 53 पेड़ों की कटाई और परिवहन को अनुमति के दायरे से बाहर कर दिया गया। यानी कोई भी इन पेड़ों को काट सकता था, कोई रोकने वाला नहीं था। इस आदेश का जंगल माफिया ने फायदा उठाया और अंधाधुंध पेड़ों की कटाई शुरू कर दी। अब यह आदेश कोर्ट ने रद्द कर दिया है।

फैसला सभी विभागों की वेबसाइट पर लगाओ 

हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि इस फैसले को सभी 52 विभागों की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाए। पुलिस, वन विभाग और प्रशासन को सख्ती से पालन करने को कहा गया। कोर्ट ने गोदामों में रखी लकड़ी की तत्काल जांच करने और अवैध कारोबार रोकने के आदेश दिए।

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वन विभाग पर भी उठे सवाल

कोर्ट ने कहा कि राज्य का शासन-प्रशासन मशीनरी माफिया के दबाव में झुक गया है। प्रशासन की मिलीभगत से जंगलों काटे जा रहे हैं। "वन विभाग और पुलिस तस्करों के आगे घुटने टेक चुके हैं।" हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार मध्यप्रदेश के जंगलों की ट्रस्टी और संरक्षक है। उसकी जिम्मेदारी है कि जंगलों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।

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हाईपावर कमेटी गठित

मध्यप्रदेश में जंगलों का ग्रीन कवर जानने के लिए हाई कोर्ट ने अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर के दो अधिकारियों की देखरेख में एक टीम बनाने के आदेश दिए हैं। यह टीम प्रत्येक वन मंडल के जंगलों का गहन अध्ययन करेगी।

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