अवकाश मामले में एमपी हाईकोर्ट का कड़ा आदेश, डीईओ को किया तलब

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अर्जित अवकाश की राशि न मिलने पर जबलपुर के जिला शिक्षा अधिकारी को अदालत में तलब किया है। कोर्ट ने अवमानना याचिका पर सख्ती दिखाई और डीईओ को अपने पक्ष को अदालत में प्रस्तुत करने का आदेश दिया।

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Sandeep Kumar
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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर ने अर्जित अवकाश की राशि न मिलने के मामले में सख्ती दिखाई है। अदालत ने जबलपुर के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) घनश्याम सोनी को अदालत में तलब किया है। यह आदेश सेवानिवृत्त शिक्षकों द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के बाद दिया गया है।

सेवानिवृत्त शिक्षकों ने आरोप लगाया था कि उन्हें कोर्ट के आदेश के बावजूद 300 दिनों के अर्जित अवकाश की राशि का भुगतान नहीं किया गया। शिक्षकों का कहना था कि विभाग ने उन्हें भुगतान देने से इंकार किया था, जबकि कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया था।

अवमानना याचिका 

सेवानिवृत्त शिक्षकों ने अदालत में दायर याचिका में कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या की और इसके बाद भी उनकी राशि का भुगतान नहीं किया गया। इसके परिणामस्वरूप, शिक्षकों ने अवमानना याचिका दायर की।

हाईकोर्ट ने इस याचिका पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए घनश्याम सोनी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया। डीईओ को यह निर्देश दिया गया है कि वह अदालत में अपना पक्ष प्रस्तुत करें और यह स्पष्ट करें कि क्यों कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया।

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अवमानना और पहले से जारी नोटिस

यह पहली बार नहीं है जब घनश्याम सोनी को अदालत का सामना करना पड़ा है। इससे पहले भी रेप पीड़िता छात्रा की पहचान उजागर करने के मामले में उन्हें हाईकोर्ट का नोटिस मिल चुका था। इससे यह स्पष्ट होता है कि जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ अदालत की कार्रवाई बढ़ रही है और अदालत ने उसे बार-बार अपने कृत्यों को लेकर स्पष्टीकरण देने के लिए तलब किया है।

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अर्जित अवकाश का भुगतान और भविष्य की कार्रवाई
सेवानिवृत्त शिक्षकों की ओर से यह मामला इस बात पर जोर देता है कि अर्जित अवकाश की राशि का समय पर भुगतान किया जाना चाहिए। हालांकि, जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या ने इसे और जटिल बना दिया। अब, हाईकोर्ट ने डीईओ को पेश होकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है, जिससे यह मुद्दा जल्दी सुलझ सकता है।

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