एमपी हाउसिंग बोर्ड: चीफ अकाउंट अफसर अल्पना ओझा को हटाया, आरोपों की लोकायुक्त जांच जारी
एमपी हाउसिंग बोर्ड की चीफ अकाउंट अफसर अल्पना ओझा को पद से हटा दिया गया है। उनके खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत दर्ज की गई थी। अल्पना पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने बोर्ड को डेढ़ करोड़ रुपए का नुकसान कराया।
MP NEWS। एमपी हाउसिंग बोर्ड की चीफ अकाउंट अफसर अल्पना ओझा को गुरुवार को उनके पद से हटा दिया गया। उन पर भ्रष्टाचार और वित्तीय गड़बड़ियों के गंभीर आरोप थे। वित्त विभाग, मध्य प्रदेश शासन ने एक सिंगल आदेश जारी करते हुए उन्हें संयुक्त संचालक कार्यालय, कोष एवं लेखा में अटैच कर दिया है।
लोकायुक्त में शिकायत और आरोप
अल्पना ओझा के खिलाफ लोकायुक्त में दिसंबर 2024 में शिकायत की गई थी। यह शिकायत एंटी करप्शन आर्गेनाइजेशन के शिवशंकर दास द्वारा की गई थी। शिकायत में आरोप था कि ओझा ने बोर्ड को करीब डेढ़ करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया। इसके अतिरिक्त, उन्हें निर्माण कार्यों के बिल लटकाने और कमीशन मांगने के आरोपों का भी सामना करना पड़ रहा था। लोकायुक्त ने इस मामले में हाउसिंग बोर्ड के कमिश्नर और सचिव से जवाब भी मांगा था।
इसके अलावा, हाउसिंग बोर्ड (housing board ) के कार्यपालन यंत्री अनुज प्रताप सिंह ने भी दिसंबर 2024 में कुछ निर्माण कार्यों के भुगतान न होने के संबंध में पत्र लिखा था। इसमें रीवा जिले के रहट में 30 बिस्तर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और अन्य स्थानों पर आवास गृहों और आयुष आयुर्वेदिक औषधालय के निर्माण कार्यों का भुगतान शामिल था। इन निर्माण कार्यों के भुगतान में देरी के कारण भी कई सवाल उठ रहे हैं।
अल्पना ओझा को भ्रष्टाचार के आरोपों और बोर्ड को डेढ़ करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने के कारण पद से हटा दिया गया।
लोकायुक्त में अल्पना ओझा के खिलाफ किसने शिकायत की थी?
अल्पना ओझा के खिलाफ लोकायुक्त में एंटी करप्शन आर्गेनाइजेशन के शिवशंकर दास ने शिकायत की थी, जिसमें उन पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था।
हाउसिंग बोर्ड के कार्यपालन यंत्री ने क्या शिकायत की थी?
हाउसिंग बोर्ड के कार्यपालन यंत्री अनुज प्रताप सिंह ने दिसंबर 2024 में कुछ निर्माण कार्यों के भुगतान में देरी के बारे में शिकायत की थी, जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और आवास गृहों के निर्माण से संबंधित भुगतान शामिल था।