BMHRC में MP की पहली DNA सीक्वेंसर मशीन की शुरुआत, सिकल सेल के उन्मूलन की दिशा में बड़ी पहल

सिकल सेल के उन्मूलन की दिशा में बीएमएचआरसी ने बड़ी पहल की है। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने अस्पताल के सिकल सेल एनीमिया सक्षमता केंद्र में स्थापित आनुवंशिक विश्लेषण लैब और डीएनए सीक्वेंसर मशीन का लोकार्पण किया।

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Vikram Jain
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मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने 17 अप्रैल गुरुवार को भोपाल स्मारक अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (BMHRC) में सिकल सेल एनीमिया सक्षमता केंद्र में आनुवंशिक विश्लेषण प्रयोगशाला और डीएनए सीक्वेंसर मशीन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर "सिकल सेल एनीमिया के प्रबंधन में आनुवंशिक विश्लेषण और एकीकृत दृष्टिकोण" विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। साथ ही सिकल सेल रोग के उन्मूलन के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की गई। कार्यक्रम में सिकल सेल से पीड़ित बच्चों से मुलाकात करने के साथ-साथ स्वास्थ्य किट और पोषण आहार भी वितरित किए गए। राज्यपाल ने पीएम मोदी के सिकल सेल उन्मूलन मिशन का समर्थन करते हुए इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों की अहमियत को बताया।

सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित बच्चों से मिले राज्यपाल

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कार्यक्रम के दौरान सिकल सेल से पीड़ित कुछ बच्चों से मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम पूछा। कार्यक्रम में सिकल सेल से पीड़ित बच्चे और उनके पैरेंट्स भी शामिल हुए। इस दौरान ‘सिकल सेल रोग: जानकारी, बचाव और देखभाल’ शीर्षक दिग्दर्शिका का विमोचन भी किया गया। साथ ही सिकल सेल से पीड़ित मरीजों को स्वास्थ्य किट एवं पोषण आहार का वितरण किया गया।

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रोग की जटिलताओं को समझने और समाधान ढूंढने में सहायक होगी मशीन

कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लक्ष्य का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि हम सभी की जिम्मेदारी है कि इस इस लक्ष्य को प्राप्त करे, जहां भी लोगों के सिकल सेल से पीड़ित होने की आशंका होती है, वहां जांच की जाए, जो बीमारी से ग्रसित मिलते हैं, उन्हें दवा दिलाओ। उन्होंने यह भी कहा कि सिकल सेल उन्मूलन के लिए किए गए प्रयासों में डीएनए सीक्वेन्सिंग मशीन की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इस रोग की जटिलताओं को समझने और समाधान ढूंढने में सहायक सिद्ध होगी।

डीएनए सीक्वेंस मशीन एक सकारात्मक पहल

साथ ही राज्यपाल ने सिकल सेल उन्मूलन के लक्ष्य को पाने के लिए बीएमएचआरसी द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सिकल सेल एक अनुवांशिक बीमारी है। ऐसे में इसका उन्मूलन एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। ऐसे में डीएनए सीक्वेंस मशीन की स्थापना एक सकारात्मक पहल है। जो सिकल सेल रोग से संबंधित चुनौतियों और जटिलताओं को समझने और समाधान खोजने में सहायक होगी।

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कार्यक्रम में विशेषज्ञों की उपस्थिति

कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. सलोनी सिडाना, CIMR राष्ट्रीय प्रतिरक्षा रुधिर विज्ञान संस्थान, मुंबई की निदेशक डॉ. मनीषा मडकईकर, और बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने भी भाग लिया। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े। इस दौरान विशेषज्ञों और आईसीएमआर के अधिकारियों ने महत्वपूर्ण विचार रखें।

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शादी से पहले लोग पूछ रहे हैं सिकल सेल स्टेटस

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. सलोनी सिडाना ने कहा कि सिकल सेल उन्मूलन के लिए किए जा रहे प्रयासों का असर अब दिखने लगा है। मध्य प्रदेश के झाबुआ, अलीराजपुर, डिंडोरी जैसे जिलों में शादी करने से पहले लोग सिकल सेल को लेकर पूछ रहे हैं। सिकल सेल के खिलाफ जारी लड़ाई में हमें महिला बाल विकास विभाग, स्वयंसेवी संस्थाओं, जनजातीय विभाग की मदद मिल रही है। प्रदेश में अब तक 1 करोड़ से ज्यादा लोगों की सिकल सेल की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। भारत सरकार के लिए लक्ष्य के पूरा करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य है।

डॉ. राजीव बहल ने दी जानकारी

कार्यक्रम में आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल वर्चुअल रूप से जुड़े, उन्होंने बताया कि कहा कि बीएमएचआरसी को मध्य भारत में सिकल सेल एनीमिया के लिए सक्षमता केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। यह केंद्र सिकल सेल स्क्रीनिंग, निदान, उपचार और अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अब तक 800 से अधिक जनजातीय विद्यार्थियों के नमूनों की जांच की जा चुकी है। साथ ही बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

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भोपाल न्यूज | एमपी न्यूज

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