मानव अधिकार आयोग से आउटसोर्स कर्मचारियों ने लगाई वेतन की गुहार, पीएस से मांगा जवाब

मध्य प्रदेश में 30 हजार से अधिक आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन नहीं मिला है। यह मामला अब मप्र मानव अधिकार आयोग तक पहुंच चुका है, जो जल्द रिपोर्ट की मांग कर रहा है।

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Sanjay Dhiman
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मध्यप्रदेश के तीस हजार से अधिक स्वास्थ्य विभाग के आउटसोर्स कर्मचारी बिना वेतन के काम कर रहे है। लंबे समय से वेतन नहीं मिलने के कारण इन कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है।

इस मामले में अब परेशान कर्मचारियों ने मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग की शरण ली है। कर्मचारियों के आवेदन पर आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। 

लंबे समय से कर रहे वेतन की मांग 

इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा वेतन भुगतान को लेकर कई बार ज्ञापन सौंपे जा चुके है। लेकिन विभाग द्वारा इन कर्मचारियों का वेतन भुगतान नहीं किया जा सका है। स्वास्थ्य विभाग के इन आउटसोर्स कर्मचारियों में किसी कर्मचारी को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है तो कुछ पांच महीने से अपने वेतन का इंतजार कर रहे है। 

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बच्चों की फीस तक नहीं कर पा रहे जमा 

लंबे समय से बिना वेतन के काम कर रहे स्वास्थ्य विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों की आर्थिक हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। कर्मचारियों की माने तो जून-जुलाई महीने में वेतन के अभाव में उनके बच्चे स्कूल तक नहीं जा पाएं है। स्कूल की प्रवेश सहित अन्य फीस जमा नहीं होने के चलते यह स्थिति बनी है।  

वेतन के लिए परेशान कर्मचारियों के मामले को ऐसे समझें 

Outsourced employees to protest on 15th | आउटसोर्स कर्मचारियों का प्रदर्शन  15 को: सरकार को संकल्प पत्र की याद दिलाएंगे कर्मचारी - Bhopal News | Dainik  Bhaskar

30 हजार आउटसोर्स कर्मचारी: मध्य प्रदेश में 30 हजार से अधिक आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी पिछले कई महीनों से वेतन नहीं प्राप्त कर रहे हैं।

आधिकारिक ज्ञापन: कर्मचारियों ने इस समस्या के बारे में संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है, लेकिन समस्या का समाधान अब तक नहीं हुआ है।

मप्र मानव अधिकार आयोग: मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा से एक महीने में रिपोर्ट की मांग की है।

केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध: केंद्रीय श्रमिक संगठनों और किसान मोर्चा ने मजदूर और किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ विरोध दिवस मनाया, जिसमें कई संगठनों ने प्रदर्शन किया।

आर्थिक मुश्किलें: वेतन न मिलने के कारण कर्मचारियों को अपने परिवारों का भरण-पोषण करने में गंभीर आर्थिक मुश्किलें आ रही हैं।

आयोग ने मांगी एक महीने में जांच रिपोर्ट 

इस मामले में कर्मचारियों की परेशानी को देखते हुए मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव संदीप यादव को एक महीने में पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है।

आयोग के इन निर्देशों के बाद कर्मचारियों को जल्द लंबित वेतन मिलने की उम्मीदें जाग गई है। आयोग ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से इस मामले का जल्द समाधान निकालने की बात भी कही है।  

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श्रमिक संगठनों, कर्मचारी संघों ने भी उठाई थी मांग 

स्वास्थ्य विभाग के तीस हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों को लंबे समय से वेतन नहीं मिलने की मांग को कई अन्य संगठनों का समर्थन भी मिला है। 13 अगस्त को केंद्रीय श्रमिक संगठनों और संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा केंद्र सरकार की मजदूर, किसान व कर्मचारी नीतियों का विरोध किया गया। इस दौरान संगठन के पदाधिकारियों ने आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन को लेकर भी मांग उठाई गई। 

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