मध्यप्रदेश में DPC का सख्त फैसला : विवाद और जांच के चलते 5 IAS अफसरों का प्रमोशन रुका

मध्यप्रदेश में डीपीसी ने पांच IAS अफसरों के प्रमोशन पर रोक लगाने का बड़ा फैसला लिया है। जांच में लटके मामलों और विवादों के चलते यह कदम उठाया गया। नए साल से पहले यह बदलाव प्रशासनिक तंत्र में बड़ा प्रभाव डालेगा।

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Ramanand Tiwari
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DPC Meeting in bhopal

Photograph: (the sootr)

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BHOPAL.मध्यप्रदेश में नए साल से पहले प्रशासनिक ढांचे में बड़े बदलाव की तैयारी चल रही थी। सरकार 71 से ज्यादा IAS अधिकारियों को प्रमोशन देने की दिशा में आगे बढ़ रही थी। इसी बीच कुछ मामलों ने पूरी प्रक्रिया पर ब्रेक लगा दिया।

आरक्षण विवाद से फंसा मामला

आरक्षण का लाभ लेकर राज्य प्रशासनिक सेवा से IAS बने संतोष वर्मा का प्रमोशन विवादों में घिर गया। फर्जीवाड़े के आरोप और ब्राह्मण समाज के विरोध के बाद DPC ने उनके प्रमोशन पर रोक लगा दी। यह मामला समिति के लिए सबसे संवेदनशील बिंदु बन गया। 

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सेक्रेटरी बनने की उम्मीद टूटी

2010 बैच के वरिष्ठ IAS अधिकारी अनुराग चौधरी को सचिव रैंक मिलने की पूरी संभावना थी। हालांकि, विभागीय पदोन्नति समिति ने उनका सीलबंद लिफाफा बंद रखने का निर्णय लिया। नतीजतन, फिलहाल वे सचिव नहीं बन पाएंगे।

हाई-लेवल मीटिंग में लिया गया फैसला

शुक्रवार को मुख्य सचिव अनुराग जैन,अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा और प्रशासन अकादमी के डीजी सचिन सिन्हा की बैठक में इन सभी नामों पर विस्तार से चर्चा हुई।

पिछली DPC का फैसला बरकरार

पिछले सप्ताह हुई DPC में भी इन अधिकारियों के प्रमोशन रोक दिए गए थे। अनुराग चौधरी का केस अलग माना जा रहा था, क्योंकि उनकी प्रमोशन की संभावना बन रही थी। लेकिन अंतिम बैठक में भी लिफाफा बंद रखने पर सहमति बन गई।

किस IAS अधिकारी का प्रमोशन क्यों रुका

मंत्रालयी सूत्रों के मुताबिक, इन अधिकारियों को फिलहाल प्रमोशन के लिए योग्य नहीं माना गया—

  • संतोष वर्मा: एक आपराधिक मामला और दो विभागीय जांच (DE) पेंडिंग। 
  • तरुण भटनागर: विभागीय जांच लंबित, पिछली DPC में भी नाम अटका था। 
  • ऋषि गर्ग: विभागीय जांच (DE) पेंडिंग। 
  • पवन जैन: मामला भी पेंडिंग जांच से जुड़ा।
  • अनुराग चौधरी: जांच नहीं, लेकिन DPC ने लिफाफा बंद रखा। 

DPC ने स्पष्ट किया कि पेंडिंग जांच के रहते प्रमोशन नहीं दिया जा सकता।

पांच IAS अधिकारियों को फिलहाल इंतजार

इन फैसलों के बाद कुल 5 IAS अधिकारियों का प्रमोशन रोक दिया गया है। इनमें 2010, 2012 और 2013 बैच के अधिकारी शामिल हैं। जांच पूरी होने तक इनका मामला अटका रहेगा।

71 IAS प्रमोशन योजना पर असर

दिसंबर 2025 में सरकार ने 71 से अधिक IAS अधिकारियों को प्रमोट करने की तैयारी की थी। कई अधिकारियों को अपर सचिव और सचिव रैंक मिलनी थी। लेकिन विभागीय जांच के चलते संतोष वर्मा, तरुण भटनागर और ऋषि गर्ग जैसे नामों पर सहमति नहीं बन सकी।

नए साल में क्या बदलेगा

जनवरी 2026 से प्रशासनिक तंत्र में बड़े स्तर पर तबादले और प्रमोशन संभावित हैं। 25 साल की सेवा पूरी करने वाले दो IAS अधिकारी प्रमुख सचिव बनेंगे। 2010 बैच के 17 अधिकारी सचिव पद पर प्रमोट होंगे। हालांकि, जिन अधिकारियों पर केस पेंडिंग हैं, उन्हें अभी और इंतजार करना पड़ेगा।

IAS के बाद IPS अधिकारियों की DPC

IAS अधिकारियों के बाद IPS अफसरों की भी DPC हुई। स्पेशल डीजी पद के लिए 1994–95 बैच के अधिकारियों के नामों पर विचार किया गया। सभी नाम क्लियर हुए और पद रिक्त होते ही आशुतोष राय स्पेशल डीजी बनेंगे।

प्रतिनियुक्ति का असर

1994 बैच के अनंत कुमार सिंह और मनमीत सिंह नारंग प्रतिनियुक्ति पर बाहर हैं। इसी कारण आशुतोष राय को प्राथमिकता मिलेगी। अनंत सिंह और मनमीत नारंग को प्रोफार्मा प्रमोशन दिया जाएगा।

DIG और ADG प्रमोशन की तस्वीर

केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद 1 जनवरी 2026 से प्रदेश के 13 IPS अधिकारी DIG बनाए जाएंगे। इसके अलावा रिटायरमेंट के आधार पर 3 और पद भरे जाएंगे।

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कौन-कौन बनेंगे DIG

1 जनवरी से DIG बनने वालों में ये नाम शामिल हैं

  • 2010 बैच: राकेश कुमार सगर, आरएस बेलवंशी, किरणलता केरकेट्टा, मनोज कुमार राय
  • 2011 बैच: रियाज इकबाल, राहुल कुमार लोढ़ा, सिमाला प्रसाद, असित यादव
  • 2012 बैच: विवेक सिंह, कुमार प्रतीक, डॉ. शिवदयाल, मयंक अवस्थी, शैलेंद्र सिंह चौहान

कुल 16 अधिकारी जनवरी से DIG रैंक पर पहुंचेंगे।

रिकॉर्ड ही प्रमोशन की चाबी

DPC के फैसले से साफ संदेश गया है। अब सिर्फ वरिष्ठता नहीं, बल्कि निष्कलंक सेवा रिकॉर्ड प्रमोशन की सबसे बड़ी शर्त है। जिन अधिकारियों पर विवाद या जांच है, उनके लिए अगली कुर्सी फिलहाल दूर ही रहेगी।

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