मध्य प्रदेश में जातिवाद की आग उगलते अफसर! IAS मीनाक्षी सिंह का विवादित बयान वायरल, सरकारी सिस्टम पर भी उठाए सवाल

मध्य प्रदेश में IAS अधिकारी मीनाक्षी सिंह का जातिवाद पर दिया विवादास्पद बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस बयान ने सरकारी सिस्टम और जातिवाद के मुद्दे पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।

author-image
Ramanand Tiwari
एडिट
New Update
IAS minakxi singh controversiel vardict

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

BHOPAL. मध्य प्रदेश में जातिवाद को लेकर बयानबाजी अब नेताओं तक सीमित नहीं रही। अब इस आग में प्रशासनिक अफसर भी खुलकर कूदते दिख रहे हैं। IAS मीनाक्षी सिंह का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो ने प्रदेश की राजनीति और अफसरशाही में हलचल मचा दी है।

वायरल वीडियो से मचा बवाल

यह वीडियो भोपाल में आयोजित अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) की साधारण सभा का बताया जा रहा है। वीडियो सामने आते ही प्रदेशभर में सनसनी फैल गई। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि क्या अफसरों को इस तरह खुले मंच से जातिवादी बयान देने चाहिए?

यह खबरें भी पढ़ें...

IAS संतोष वर्मा का एक और विवादित बयान, खुद को माई का लाल बताकर अजाक्स संगठन पर उठाए सवाल

भोपाल में सामाजिक समरसता की हुंकार : आईएएस संतोष वर्मा के समर्थन में जुटेंगे ओबीसी–जयस के कार्यकर्ता

“जातिवादी होना आज की सबसे बड़ी मांग”

वीडियो में IAS मीनाक्षी सिंह मंच से कहती नजर आती हैं कि आज के दौर में जातिवादी होना सबसे बड़ी जरूरत है। उनके मुताबिक, जातिगत पहचान को न सिर्फ अपनाना चाहिए बल्कि बच्चों को भी अपनी जाति के बारे में बताना चाहिए। यही बयान अब विवाद की जड़ बन गया है। मीनाक्षी सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा की वर्ष 2013 बैच की अधिकारी हैं। 

सरकारी सिस्टम को बताया ‘कॉम्प्लिकेटेड’

मीनाक्षी सिंह यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने सरकारी कार्यप्रणाली को भी कटघरे में खड़ा किया। वीडियो में वे कहती हैं कि सरकारी सिस्टम बेहद कॉम्प्लिकेटेड है और कई बार सरनेम देखकर पक्षपात किया जाता है। इस टिप्पणी ने सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

कर्मचारियों से खुली अपील

IAS मीनाक्षी सिंह ने कर्मचारियों से भी जातिगत पहचान को लेकर मुखर होने की अपील की। उनका कहना था कि जातिवादी मानसिकता आज के समय में जरूरी है। इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

संतोष वर्मा के बाद मीनाक्षी सिंह का नाम जुड़ा

इससे पहले अजाक्स के अध्यक्ष और आईएएस संतोष वर्मा का विवादित बयान सामने आया था, जिस पर बड़ा हंगामा हुआ और कार्रवाई भी हुई। अब मीनाक्षी सिंह का वीडियो सामने आने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या अफसरशाही के भीतर जातिवादी सोच गहराती जा रही है?

क्या अफसरशाही में चल रही है ‘नेतागिरी’?

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि क्या ऐसे बयान देकर कुछ अफसर अपनी अलग पहचान और नेतागिरी चमकाना चाहते हैं। जानकारों का मानना है कि इस तरह की बयानबाज़ी प्रदेश की सामाजिक आबोहवा को खराब कर सकती है।

यह खबरें भी पढ़ें...

आईएएस संतोष वर्मा, न्यायाधीश के बीच मिलीभगत से हुआ आदेश, लेन-देन बिगड़ा तो हुई रिपोर्ट, पुलिस जांच इसी ओर जुटी

भोपाल में सड़क पर उतरा ब्राह्मण समाज, IAS संतोष वर्मा के खिलाफ उबाल,प्रदर्शनकारियों पर चली वॉटर कैनन

प्रदेश की राजनीति में बढ़ा तनाव

IAS अफसरों के इन बयानों ने जातिवाद के मुद्दे को फिर से गरमा दिया है। सवाल यह भी है कि सरकार ऐसे मामलों में सख्त रुख अपनाएगी या फिर यह विवाद यूं ही बढ़ता रहेगा।

मध्य प्रदेश में जातिवाद को लेकर चल रही बहस अब प्रशासनिक गलियारों तक पहुंच चुकी है। IAS मीनाक्षी सिंह का बयान न सिर्फ विवादास्पद है, बल्कि सरकार और सिस्टम दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है।   

"द सूत्र" ने जब आईएएस मीनाक्षी सिंह से मोबाइल पर बात कर उनका पक्ष  जानने का प्रयास किया तो पता लगा कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। इसलिए वे बात नहीं कर सकेंगी।

भारतीय प्रशासनिक सेवा अजाक्स बयानबाजी अफसरशाही आईएएस संतोष वर्मा IAS मीनाक्षी सिंह
Advertisment