इंदौर के युगपुरूष आश्रम में हुई 6 मौत, 1 छिपा ली थी, 27 जून से ही तबीयत खराब, बच्चों में हैजा

इंदौर के युगपुरूष धाम आश्रम में 3 दिन में हुई पांच बच्चों की मौत के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सामने आया है कि फिट से एक मौत होने के अलावा, 30 जून को एक और मौत हुई थी जिसे प्रंबधन ने छिपा लिया।

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Sanjay gupta
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INDORE. इंदौर के पंचकुईया रोड स्थित श्री युगपुरूष धाम आश्रम में 3 दिन में हुई पांच बच्चों की मौत की खबर की उच्च स्तरीय जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। द सूत्र को मिली खबर के अनुसार पूरी तरह से आश्रम प्रबंधन की लापरवाही थी, 27 जून से ही बच्चों में उल्टी, दस्त की समस्या रेगुलर विजिट करने वाले डॉक्टर ने बता दी थी। 

फिट से एक मौत होने के अलावा, 30 जून की रात को एक और मौत हुई थी जिसे प्रंबधन ने पूरी तरह से छिपा लिया और किसी को खबर नहीं की। यानी पांच नहीं कुल 6 मौत हुई है। इस मामले में अब जिला प्रशासन ने आश्रम प्रबंधन पर एफआईआर कराने की अनुशंसा कर दी है। प्रारंभिक तौर पर सचिव तुलसीराम शादीजा पर एफआईआर हो रही है।

आश्रम प्रबंधन की गलती से जाती गई जाने

  • रेगुलर डॉक्टर जब विजिट पर आए तो 27 जून को कुछ बच्चों में डायरिया उल्टी दस्त वाले लक्षण दिखे, लेकिन प्रबंधन ने कुछ नहीं किया।
  • 30 जून को फिट से एक मौत हुई, लेकिन एक मौत इसी रात को उल्टी, दस्त के कारण से एक बच्चे की हो गई, जिसे प्रबंधन ने छिपा लिया।
  • प्रबंधन ने चालाकी दिखाते हुए बच्चे के मां-बाप को बुलाकर बॉडी देने की तैयारी कर ली, इस मौत को पूरी तरह से छिपा लिया गया। कायदे से इसी समय प्रशासन को सूचित किया जाना था।
  • इस दौरान 1 जुलाई को सुबह फिर एक बच्चे की मौत हो गई और और फिर रात होते-होते एक और मौत हो गई। एक जुलाई को हुई दो मौत के बाद प्रबंधन ने जाकर प्रशासन को सूचना दी।
  • इसके बाद 2 जुलाई को अपर कलेक्टर राजेंद्र रघुवंशी, एसडीएम ओम बडुकल, महिला व बाल विकास अधिकारी राम. बुधौलिया मौके पर पहुंचे। बडकुल औऱ् बुधौलिया हंसते रहे। वहीं रघुवंशी ने फौरी जांच करते हुए मौके पर ही प्रबंधन को क्लीन चिट थमा दी और कहा कि इनकी गलती नहीं है।
  • इधर, दो जुलाई को यह क्लीन चिट दे रहे थे वहीं फिर दो मौत हो गई।
  • वहीं कलेक्टर आशीष सिंह हरकत में आए और ताबड़तोड एक्शन लेते हुए एसडीएम को हटाया, डॉक्टर की टीम बुलाकर जांच कराई और बच्चों को तत्काल अस्पता में भर्ती कराया। और नई जांच कमेटी गठित कर दी। 
  • अभी अस्पताल में 38 बच्चे भर्ती, जिसमें चार आईसीयू में

दो बच्चों में निकला कॉलरा (हैजा) 

वहीं भर्ती बच्चों क जांच में दो में कॉलरा (हैजा) के लक्षण निकले हैं। यह मुख्य तौर पर दूषित पानी से होता है। वहीं अभी तक मौत का कारण साफ नहीं है, हालांकि भर्ती बच्चों में फूड प्वाइजनिंग की बात की जा रही है। डायरिया की भी बात हो रही है जिसमें उल्टी, दस्त होते हैं और डिहाइड्रेशन से मौत हो जाती है।

इनके द्वारा चलाया जाता है आश्रम

यह आश्रम और कोई नहीं बल्कि श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी स्वामी परमानंद गिरी महाराज के सानिध्य में चल रहा है। इस आश्रम के पास ही उनका परमानंद अस्पताल भी संचालित होता है। स्वामी परमानंद महाराज ने नेक नियत से इसे शुरू किया लेकिन यहां के संचालकों की लापरवाही ने पांच बच्चों की जान ले ली। इसके बाद भी अभी बड़ी कार्रवाई का सभी को इंतजार है। जबकि कलेक्टर खुद कह चुके हैं कि आश्रम को जल्द जानकारी देना थी, यदि ऐसा होता तो स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती।

द सूत्र ने पहले ही कहा लापरवाही ने ली जान

द सूत्र ने मंगलवार को भी अधिकारियों के मौत पर हंसने की खबर की। साथ ही इस बड़ी घटना में भी अधिकारियों और जिम्मेदारों के कुंभकर्णी नींद में सोने को लेकर कहा था कि पहली मौत 30 जून को हुई थी लेकिन इसे मिर्गी व अन्य स्वास्थ्य कारण बताकर शांति रख ली लेकिन इसी दिन एक बच्चे को उल्टी दस्त की समस्या के कारण भी भर्ती कराया गया। जिस पर कोई गंभीरता नहीं बरती गई। इसी दौरान एक मौत हुई जिसे छिपा लिया गया। इसके बाद 30 जून को एक की मौत हुई, जिसे फिट कारण बताया गया इसका भी मेडिकल कोई प्रमाण नहीं है। फिर 1 जुलाई को सुबह और रात को एक-एक मौत ही और फिर दो जुलाई को जब अधिकारी आश्रम की जांच कर बोल रहे थे कि स्थिति सही है और प्रंबधन की लापरवाही नहीं है, इसी दौरान दो और मौत हो गई।

अस्पताल में एक के बाद एक होते रहे भर्ती

मंगलवार सुबह करीब 7 बजे 12 बच्चों को अस्पताल भेजा गया। दोपहर करीब 12 बजे तक हॉस्टल संचालिका अनिता शर्मा और एसडीएम बड़कुल बच्चों की स्थिति ठीक बताते रहे। आश्रम में बच्चों के सैंपल लिए जाने की बात कही। करीब 2 बजे हालत गंभीर होने पर 17 बच्चों को अस्पताल भेजना शुरू किया गया। छोटा गोविंद और रानी हिमानी ने आश्रम परिसर में ही दम तोड़ दिया। छोटा गोविंद को अस्पताल भेजा गया, यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं, रानी हिमानी ने आश्रम में चेकअप के दौरान ही दम तोड़ दिया। इसके बाद देर रात को आश्रम में पांच और बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर भर्ती कराया गया। बुधवार सुबह फिर और कुछ बच्चों में लक्षण दिखने पर लाया गया है। कुल 38 बच्चे भर्ती हो चुके हैं।

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इनकी हुई मौत

इन पांच बच्चों की मौत हुई है- शुभम उर्फ करण, आकाश, शुभ, रानी हिमानी और छोटा गोविंद। रविवार को शुभम उर्फ करण ने दम तोड़ा, उसे फिट की बीमारी थी। सोमवार देर रात आकाश और मंगलवार सुबह शुभ की मौत हो गई। बुधवार को छोटा गोविंद और रानी हिमानी की मौत हुई। इन सभी की उम्र 5 से 13 साल के बीच है।

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सचिव शादीजा पर लगे हैं गंभीर आरोप

उधर कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश यादव ने गुरूवार को ही आश्रम की संचालिका अनिता शर्मा एंव सचिव तुलसी राम शादीजा की संदिग्ध भूमिका के आरोप लगाए थे। यादव ने शादियों में बचा हुआ खाना आश्रम मंगावाकर खाने को दिया जाता था। शादियों के मौसम में आश्रम का किचन लगभग बंद ही रहता था। आश्रम का सचिव तुलसी शादीजा सारा मैनेजमेंट करता था। सारे खेल में आश्रम के सचिव एंव संचालिका ने जमकर पैसा सरकार का लूटा हैं। आश्रम से बच्चों को नाम सारे शहर से अवैध वसूली करने वाला सचिव तुलसी शादीजा शराब और पार्टियों का भी शौकीन हैं। जवाहर मार्ग पर इसकी बर्तन की दुकान हैं। आश्रम के अनेक कार्यों के लिए तुलसी शादीजा ने कमीशन तय कर रखा है। जिला प्रशासन को तत्काल संचालिका अनिता शर्मा एंव सचिव तुलसी शादीजा के समस्त बैंक एकाउन्ट सीज करके मोबाइल कॉल डिटेल और व्हाट्स अप चेट जब्त करना चाहिए।

NCPCR भी करेगा जांच

NCPCR के चेयरमैन प्रियंक कानूनगो ने कहा की इंदौर में बालगृह में बच्चों की मौत की घटना का संज्ञान लिया गया है। मैं स्वयं कल से इंदौर कलेक्टर के संपर्क में हूँ, हमारी पहली प्राथमिकता बीमार बच्चों की जान बचाना है। बच्चों के इलाज के लिए एवं घटना की जांच संबंधी निर्देश आयोग की ओर से दिए गए हैं। बीमार बच्चों की हालत स्थिर होते ही पूरे मामले की जाँच व अन्य आवश्यक करवाई के लिए दल इंदौर आएगा।

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