MP News: मध्य प्रदेश में आईपीएस अधिकारियों की पोस्टिंग को पांच भागों में विभाजित किया गया है, जिनमें प्रमुख रूप से सीनियर ड्यूटी पोस्ट (SDP) शामिल है। अभी केवल 173 अफसर एसडीपी पर कार्यरत हैं, जबकि शेष पोस्टिंग सेंट्रल डेप्युटेशन, स्टेट डेप्युटेशन, ट्रेनिंग और लीव रिजर्व में हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 86.5% पोस्ट रिजर्व कैटेगरी में आती हैं, जिनके आधार पर अफसरों को डेप्युटेशन पर भेजा जाता है। वहीं इस साल 11 IPS रिटायर हो रहे हैं। तो यह कमी और ज्यादा बढ़ जाएगी।
2033 तक DG पद के लिए केवल 5 IPS अफसर
मध्यप्रदेश में डीजी स्तर के कुल 10 पद स्वीकृत हैं, लेकिन मौजूदा रुझान के अनुसार 2033 तक सिर्फ 5 अफसर ही इस पद के योग्य रह जाएंगे। इन अफसरों में विवेक शर्मा (1998), दीपिका सूरी (1999), प्रमोद वर्मा (2001), अभय सिंह (2002), और हरिनारायणचारी मिश्र (2003) शामिल हैं। डीजी पद के लिए न्यूनतम 30 साल की सेवा जरूरी मानी जाती है।
हर साल चाहिए 7 अफसर
प्रदेश में 222 डायरेक्ट और 97 प्रमोटी आईपीएस, कुल मिलाकर 319 स्वीकृत पद हैं। चूंकि कोई भी आईपीएस औसतन 33 साल की सेवा देता है, इस आधार पर हर साल 6.72 यानी करीब 7 आईपीएस अफसरों की नियुक्ति जरूरी है। यह औसत लंबे समय तक नहीं पूरा हो पाने के कारण भविष्य में गंभीर अफसर संकट सामने आ सकता है।
1997 से 2009 के बीच निकले कम अफसर
एमपी आईपीएस अफसर की कमी से जूझ रहा है। इसकी मुख्य वजह मानी जा रही है 1997 से 2009 तक के छोटे बैच।2000 से 2002 के बीच के केवल एक-एक अफसर ही एमपी को मिल सका। हालांकि 2010 के बाद से भर्ती में सुधार आया और अब 6-7 अफसर हर साल नियुक्त हो रहे हैं।
साल के अंत तक 77 पद होंगे खाली
एमपी गृह विभाग की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, 319 स्वीकृत पदों में से अभी सिर्फ 253 अफसर ही तैनात हैं, और 66 पद खाली हैं। यह संख्या साल के अंत तक 77 तक पहुंच सकती है क्योंकि 11 अफसर इसी साल रिटायर होने वाले हैं।
जानिए किस महीने कौन अधिकारी होंगे रिटायर
अप्रैल: डीआईजी डालूराम तेनीवार
मई: डीजी अरविंद कुमार, संजय कुमार सिंह
जून: एडीजी डीसी सागर
जुलाई: डीजी गोविंद प्रताप सिंह
अगस्त: आईजी जेएस राजपूत, योगेश मुदगल, अशोक कुमार गोयल
सितंबर: आईजी अनुराग शर्मा
नवंबर: कमांडेंट भगत सिंह विरदे
दिसंबर: डीजीपी कैलाश मकवाना, स्पेशल डीजी पवन श्रीवास्तव
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DGP समेत सीनियर अफसरों के रिटायरमेंट से विभाग पर दबाव
डीजीपी सहित सीनियर अफसरों के रिटायरमेंट से फील्ड और मुख्यालय दोनों पर दबाव बड़ जाएगा। इतनी बड़ी संख्या में सीनियर आईपीएस अधिकारियों के एक ही साल में रिटायर होने से फील्ड स्तर और पुलिस मुख्यालय (MP Police) दोनों पर कार्यभार बढ़ने की आशंका है। गृह विभाग इन रिक्तियों को भरने के लिए केंद्र से अतिरिक्त कैडर स्वीकृति की मांग कर सकता है और भर्ती/प्रोन्नति प्रक्रिया में तेजी लाने की योजना पर काम कर रहा है।
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