जबलपुर हाईकोर्ट में अब अनरजिस्टर्ड मुंशियों को नहीं मिलेगी एंट्री , आदेश जारी , जानें वजह

जबलपुर हाईकोर्ट में अब अनरजिस्टर्ड मुंशियों को एंट्री नहीं मिलेगी। यहां जवाब की कॉपी एक ऐसे मुंशी ने रिसीव कर ली जो रजिस्टर्ड ही नहीं था। अब मामले में कोर्ट के आदेश के बाद हाईकोर्ट के सभी मुंशियों का सत्यापन कर फोटो आई कार्ड बनवाने पड़े।

Advertisment
author-image
Vikram Jain
New Update
MP Jabalpur High Court no entry to unregistered Munshis
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नील तिवारी@ JABALPUR. जबलपुर हाईकोर्ट में जस्टिस विवेक अग्रवाल ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना अंतिम फैसला भी सुना दिया और उसके बाद याचिककर्ता के वकील ने यह बताया कि उसे जवाब की कॉपी ही नहीं मिली है। इस मामले में यह सामने आया कि जवाब की कॉपी जिस मुंशी ने रिसीव की थी वह वकील का रजिस्टर्ड मुंशी (क्लर्क) ही नहीं था। न्यायालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आदेश जारी किए जिसके बाद अब जबलपुर हाईकोर्ट परिसर में अनरजिस्टर्ड मुंशियों को एंट्री नहीं मिलेगी।

क्या है पूरा मामला

दरअसल डिंडोरी जिले की शहपुरा जनपद पंचायत के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर गणेश पांडे ने जस्टिस विवेक अग्रवाल की कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, कि वह बार-बार ट्रांसफर किए जाने से पीड़ित है। इस मामले की सुनवाई में कोर्ट के द्वारा फरवरी माह में ही अंतिम आदेश भी जारी कर दिया गया। आदेश के जारी होने के बाद याचिकाकर्ता की ओर से वकील अमृतलाल गुप्ता ने बताया की उन्हें शासन के द्वारा फाइल किए गए जवाब की कॉपी नहीं मिली है। इस पर शासन की ओर से वकील मानस मणि वर्मा ने बताया कि आदेश की प्रति याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता के मुंशी विष्णु दुबे ने रिसीव की है। आगे मामले की सुनवाई में वकील अमृतलाल वर्मा ने बताया कि विष्णु दुबे उनका रजिस्टर्ड मुंशी ही नहीं है।

ये खबर भी पढ़ें.. Chhattisgarh : स्वामी आत्मानंद स्कूलों के संविदा कर्मचारियों को 3 महीने से नहीं मिला वेतन

ये खबर भी पढ़ें.. BHOPAL में 18 कैलोरी रेस्टोरेंट पहुंची खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम , नजारा देखकर दंग रह गए फूड इंस्पेक्टर

मुंशियों का सत्यापन और बने आई-कार्ड

इस मामले में जस्टिस विवेक अग्रवाल ने रजिस्ट्री को यह आदेश दिया कि सभी अनरजिस्टर्ड मुंशियों के ऊपर कार्यवाही की जाए और उन्हें हाईकोर्ट परिसर के अंदर ना आने दिया जाए। कोर्ट ने सभी रजिस्टर्ड मुंशियों को फोटो आई कार्ड जारी करने का भी आदेश दिए। इसके बाद 31 मई को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट की ओर से पक्ष रखते हुए वकील बीएन मिश्रा ने यह बताया कि कुल 289 मुंशीयों के आवेदन प्राप्त हुए थे। जिन्हें फोटो आई कार्ड इशू कर दिया गया है। जिसके अनुसार जबलपुर हाईकोर्ट में कुल 289 रजिस्टर्ड मुंशी है और कोई भी आवेदन बाकी नहीं है। इसके बाद हाईकोर्ट ने यह आदेश किया कि एडमिनिस्ट्रेशन रजिस्ट्रार और सिक्योरिटी के उप पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करें की कोई भी अनाधिकृत मुंशी हाई कोर्ट परिसर में प्रवेश न कर सके। इसके साथ ही सुरक्षा अधिकारी समय-समय पर औचक निरीक्षण करें और यदि कोई अनाधिकृत व्यक्ति हाईकोर्ट परिसर में पाया जाता है तो उसकी फोटो लेकर उसे परिसर से बाहर निकालें ताकि कोई भी व्यक्ति भविष्य में हाईकोर्ट की सुरक्षा का उल्लंघन ना कर सके।

ये खबर भी पढ़ें... जबलपुर मर्डर : बलात्कार मामले से बचने कर दी दो हत्याएं, फिर भी लगा रेप का केस

ये खबर भी पढ़ें... MP CG EXIT POLL : मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 1 से 3 सीट, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को 1 सीट

 

 

जबलपुर हाईकोर्ट, कोर्ट में अनरजिस्टर्ड मुंशियों को एंट्री नहीं, जस्टिस विवेक अग्रवाल, जबलपुर न्यूज, Jabalpur High Court, Unregistered Munshis not allowed entry in court, Justice Vivek Aggarwal, Jabalpur News

जस्टिस विवेक अग्रवाल Unregistered Munshis not allowed entry in court कोर्ट में अनरजिस्टर्ड मुंशियों को एंट्री नहीं जबलपुर न्यूज जबलपुर हाईकोर्ट Jabalpur News Jabalpur High Court Justice Vivek Aggarwal