एमपी में आवासहीन परिवारों को पक्के मकान के लिए मिलेगा लाल-पीला पट्टा, प्रदेशभर में मेगा सर्वे 13 दिसंबर तक

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बेघरों को जमीन का पट्टा और पक्का घर दिलाने के लिए बड़ा सर्वे शुरू हुआ है। लाल-पीला पट्टा नए साल में मिलेगा। 31 दिसंबर 2020 तक के झुग्गीवासी पात्र होंगे।

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Ravi Awasthi
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PM AAVAS YOJNA PATTA SARVE

Photograph: (the sootr)

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BHOPAL. प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के दूसरे चरण में अब आवासहीनों को जमीन के पट्टे दिए जाएंगे। इस पट्टा वितरण के लिए प्रदेशभर में गुरुवार से बड़ा सर्वे शुरू किया गया। यह अभियान 13 दिसंबर तक जारी रहेगा। सर्वे नगरीय निकाय और राजस्व विभाग की संयुक्त टीमें झुग्गी-बस्तियों में जाकर कर रहीं है।

मकान लेने वालों की लंबी कतार

पीएम आवास योजना में पक्के मकान पाने की चाहत रखने वालों की लंबी कतार है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग को पीएम आवास के लिए करीब ढाई लाख आवेदन पत्र मिले हैं। इनमें करीब एक लाख आवेदन पत्र ऐसें हैं,जिनके अपनी जमीन के कागजात नहीं हैं।

झुग्गी बस्तियों में सर्वे 13 दिसंबर तक

योजना के तहत पक्के आवास देने प्रदेश की शहरी क्षेत्रों में गुरुवार से सर्वेक्षण शुरू किया गया। यह आगामी 13 दिसंबर तक जारी रहेगा। सर्वे नगरीय निकाय व राजस्व विभाग मिलकर कर रहे है। दोनों ही विभागों की संयुक्त टीम झुग्गी बस्तियों में पहुंचकर यह सर्वे कर रही हैं। 

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नए साल में मिलेंगे पट्टे

सर्वे सूची 14 दिसंबर को सार्वजनिक कर दावे,आपत्ति बुलाईं जाएंगी। इनका निपटारा करने के बाद 29 दिसंबर को सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। चयनित हितग्राहियों को 4 जनवरी से 20फरवरी तक लाल व पीले रंग वाले पट्टे मिलेंगे। इनमें लाल पट्टा स्थाई व पीला अस्थाई पट्टे के लिए होगा। 

अंतिम सूची जारी होने के बाद पात्र हितग्राहियों को पट्टें बांटे जाएंगे। पट्टों का वितरण 4 जनवरी 2026 से 20 फरवरी 2026 के मध्य किया जाएगा। जिन क्षेत्रों से झुग्गी बस्तियों को हटाया जाना तय है। वहां के हितग्राहियों को दूसरे स्थानों पर बसाया जाएगा। 

2020 तक कब्जे वाले पात्र

प्रदेश में झुग्गीवासियों को उनकी झुग्गियों का पट्टे देने की शुरुआत वर्ष 1984 में हुई। अर्जुन सिंह सरकार ने प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के भूमिहीनों के लिए पटटा अधिकार अधिनियम बनाया था। इस कानून में कई बार बदलाव भी किए गए।

अधिनियम के मुताबिक,31 दिसम्बर 2020 तक झुग्गी में रहने वाला व्यक्ति ही पट्टे पाने का पात्र होगा। सर्वे के दौरान उसे अपना आधार व ईकेवायसी आधारित समग्र आईडी देना होगी। 

सभी को लाभ के लिए सर्वे

विभागीय सूत्रों के अनुसार,योजना के पहले चरण में करीब पौने सात लाख परिवारों को आवास दिए जाएंगे। दूसरे फेज के लिए अब तक करीब ढाई लाख आवेदन पत्र मिले हैं। इनमें से 50 हजार आवेदकों को आवास स्वीकृत भी किए गए हैं। करीब एक लाख आवेदकों ने खुद को आवासहीन बताया है। 

विस्थापन से सर्वे का संबंध नहीं

नगरीय विकास अपर आयुक्त आईएएस शिशिर गेमावत के अनुसार, कोई आवासहीन छूटे नहीं, इसलिए यह नया सर्वे हो रहा है। इसका झुग्गी-विस्थापन से कोई संबंध नहीं है। अस्थाई पट्टे इसी जरूरत और प्रावधान को ध्यान में रखते हुए ही दिए जाते हैं। राजधानी भोपाल में सेंट्रल विस्टा योजना के लिए नौ झुग्गी बस्तियां हटाई जानी प्रस्तावित थीं। सालभर पहले कार्ययोजना बनी, पर यह कार्रवाई अब ठंडे बस्ते में चली गई है।

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भोपाल में ही 384 झुग्गी बस्तियां

दो साल पहले हुए सर्वे के मुताबिक,भोपाल में ही करीब 384 झुग्गी बस्तियां हैं। इनमें डेढ़ लाख से ज्यादा परिवार रहते हैं। इनकी आबादी की बात करें तो यह संख्या 5 लाख से अधिक है। पिछली जनगणना में ही प्रदेश के 303 नगरीय निकायों में स्लम-जनसंख्या 56.89 लाख बताई गई है। इंदौर में लगभग 5.90 लाख लोग स्लम-बस्तियों में रहते हैं। मप्र सुशासन एंड डव्लपमेंट रिपोर्ट 2022 के मुताबिक, 10.87 लाख परिवार झुग्गियों में रहते हैं।

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