एमपी के इन 19 शहरों में आज से नहीं मिलेगी शराब, यहां देखें पूरी लिस्ट

मध्य प्रदेश में 1 अप्रैल 2025 से एक महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है, जिसके तहत राज्य के 19 प्रमुख धार्मिक नगरों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।

author-image
Sourabh Bhatnagar
एडिट
New Update
thesootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मध्य प्रदेश में 1 अप्रैल (आज) 2025 से एक जरूरी बदलाव होने जा रहा है, जिसके तहत राज्य के 19 प्रमुख धार्मिक नगरों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। इस फैसले के बाद उज्जैन सहित इन 19 शहरों में 47 शराब दुकानें बंद हो जाएंगी। यह कदम मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की नई आबकारी नीति के तहत उठाया गया है, जिसे पिछले साल जनवरी में मंजूरी दी गई थी। इस नीति के तहत न केवल शराब की दुकानों की संख्या में कमी की जाएगी, बल्कि इन क्षेत्रों में शराब के सेवन को भी नियंत्रित किया जाएगा।

19 धार्मिक नगरों में शराब दुकानें बंद की जाएंगी

  • उज्जैन नगर निगम सीमा में 17 दुकानें और 11 होटल-रेस्तरां बंद होंगे।

  • इसके अलावा, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर, मैहर, ओंकारेश्वर, महेश्वर, ओरछा, चित्रकूट, अमरकंटक जैसे धार्मिक स्थल शामिल हैं।

  • ग्राम पंचायत स्तर पर सलकनपुर माता मंदिर, बरमान कला, बर्मन खुर्द, कुंडलपुर, बांदकपुर जैसे स्थानों पर भी शराबबंदी की नीति लागू होगी।

खबर यह भी...धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी को लेकर सीएम मोहन ने कर दिया बड़ा ऐलान, बता दी तारीख

शराब बंदी का उद्देश्य

यह शराबबंदी नीति मुख्य रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों के पास शराब की बिक्री पर रोक लगाने के उद्देश्य से बनाई गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह कदम उन स्थानों पर शराब की बिक्री को नियंत्रित करने और धार्मिक वातावरण को संरक्षित करने के लिए उठाया गया है, जहां श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति होती है।

खबर यह भी...दिग्विजय सिंह ने सिंधिया, यूका और शराबबंदी के मामले में सरकार को घेरा

ध्यान देने वाली बात...

हालांकि, इस नीति के तहत शराब की दुकानों को बंद किया जा रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लोग अपनी व्यक्तिगत जरूरतों के लिए शराब नहीं खरीद सकेंगे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि लोग अब भी अपनी आवश्यकता के अनुसार शराब खरीद सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें अपने घर में शराब रखना होगा। दूसरी ओर, सरकार का कहना है कि राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए जिले की अन्य शराब दुकानों से राजस्व की भरपाई की जाएगी।

खबर यह भी...उज्जैन के काल भैरव मंदिर में लागू नहीं होगी शराबबंदी, चलती रहेगी शराब प्रसाद की परंपरा

नई आबकारी नीति के प्रभाव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 23 जनवरी 2025 को नई आबकारी नीति को मंजूरी दी थी, जिसके तहत इस तरह की शराबबंदी का निर्णय लिया गया। इस कदम के कारण राज्य सरकार को आबकारी राजस्व में करीब 450 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। हालांकि, सरकार ने इस कमी को दूर करने के लिए अगले वित्तीय वर्ष में शराब की दुकानों के नवीनीकरण शुल्क में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है।

FAQ

1. मध्य प्रदेश के किस-किस शहर में शराब दुकानें बंद होंगी?
मध्य प्रदेश के प्रमुख धार्मिक नगरों में शराब दुकानें बंद की जाएंगी, जिनमें उज्जैन, दतिया, पन्ना, मंदसौर, महेश्वर, चित्रकूट, और अन्य धार्मिक स्थल शामिल हैं।
2. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शराबबंदी नीति को क्यों मंजूरी दी?
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह कदम धार्मिक नगरों में शराब के सेवन को नियंत्रित करने और धार्मिक वातावरण को संरक्षित करने के उद्देश्य से उठाया। इसके साथ ही, इस नीति से राज्य सरकार को राजस्व में कमी होगी, जिसे शराब की दुकानों के नवीनीकरण शुल्क में बढ़ोतरी से पूरा किया जाएगा।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

 

liquor shops धार्मिक नगरी उज्जैन धार्मिक नगरों का विकास शराबबंदी Excise Policy MP Govt New Excise Policy मोहन यादव मध्य प्रदेश MP News