/sootr/media/media_files/2025/04/16/QbNkl7jZAY1aAiLpr3fl.jpg)
MP News: मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और BJP की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने राज्य की नई शराब नीति की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर कहा कि 2023 में घोषित नीति शराबबंदी की दिशा में एक ठोस कदम थी, लेकिन अब इसका क्रियान्वयन ढीला हो गया है। उमा भारती की नाराजगी BJP के लिए एक नया संकट बन सकती है, खासकर चुनावी वर्ष में। उमा भारती ने लिखा- चार महीने से मन में हलचल मची हुई है... गोबर की चोट ज्यादा भारी पड़ सकती है। चौकीदार अभी जिंदा है। उन्होंने संकेत दिया कि अगर सरकार नहीं चेती, तो वे फिर से विरोध की राह पकड़ सकती हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में उज्जैन, मैहर, ओरछा, और सलकनपुर जैसे 17 धार्मिक शहरों में शराब की बिक्री पूरी तरह से बंद करने की घोषणा की थी। हाल की खबरों के अनुसार इन दुकानों को धार्मिक क्षेत्रों से हटाकर ग्रामीण इलाकों में स्थानांतरित किया जा रहा है, जिससे महिलाओं में भारी विरोध देखने को मिल रहा है।
1. दो साल पहले मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर एक व्यापक अभियान चला जिसके परिणाम स्वरुप जनवरी 2023 के आरंभ में नई शराब नीति घोषित हुई।
— Uma Bharti (@umasribharti) April 15, 2025
2. वह एक व्यापक विचार विमर्श के तहत बनी एक आबकारी नीति थी जो हमें एक दो वर्षों में पूर्ण शराबबंदी की ओर ले जा रही थी। @BJP4India@BJP4MP
/sootr/media/media_files/2025/04/16/QOZWpdQmT6yTOhmiAiz6.jpg)
विरोध में महिलाएं
मप्र सरकार की नई शराब नीति के विरोध में भोपाल, इंदौर, और ओरछा जैसे शहरों के ग्रामीण हिस्सों में महिलाएं सड़कों पर उतर आई हैं। उनका कहना है कि शराब से घरेलू हिंसा और नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है। उमा भारती ने इन विरोधों को जायज ठहराते हुए सरकार से सवाल पूछा है – क्या हम जनता की भावनाओं को अनदेखा कर रहे हैं?
शराब बंदी के नाम पर दिखावा
राज्य सरकार जहां शराबबंदी को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताती रही है, वहीं 13,000 करोड़ रुपए की वार्षिक शराब आय इसके रास्ते में रुकावट बन रही है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल अब इस मुद्दे को भुना रहे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि BJP सरकार शराबबंदी के नाम पर दिखावा कर रही है और ग्रामीण जनता को संकट में डाल रही है।
ये भी पढ़ें :
पहले भी कर चुकी हैं विरोध
उमा भारती का शराबबंदी आंदोलन पहली बार नहीं है। इसके पहले भी उमा भारती प्रदेश में शराब बिक्री को लेकर विरोध कर चुकी हैं। 2021 में उन्होंने मधुशाला में गौशाला और शराब छोड़ो, दूध पियो अभियान और 2022 में भोपाल में शराब दुकान पर पत्थर, ओरछा में गोबर फेंककर प्रदर्शन किया था।
ये भी पढ़ें :
धार्मिक शहरों में शराबबंदी पर उमा भारती ने की तारीफ, सीएम मोहन ने कहा- धन्यवाद दीदी
MP liquor policy 2023
- शराब दुकानों को धार्मिक स्थलों, स्कूलों से 100 मीटर दूर करना
- अहातों और शॉप बार को बंद करना
- धार्मिक नगरों में पूर्ण शराबबंदी
FAQ
1. मध्यप्रदेश की नई शराब नीति में क्या प्रावधान हैं?नई शराब नीति में अहातों को बंद करने, धार्मिक स्थलों से शराब दुकानों को दूर रखने, और शराब के प्रचार पर नियंत्रण जैसे प्रावधान शामिल हैं।2. उमा भारती इस नीति के खिलाफ क्यों हैं?उमा भारती का मानना है कि नीति का क्रियान्वयन ठीक से नहीं हो रहा और शराब की दुकानें ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानांतरित कर जनता की भावनाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।3. क्या शराबबंदी से राज्य की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा?हां, क्योंकि शराब से मध्यप्रदेश को हर साल करीब 13,000 करोड़ रुपये की आय होती है, जिससे सरकार को राजस्व का बड़ा हिस्सा मिलता है।
thesootr links