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मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में नई आबकारी नीति की घोषणा की है, जिसके तहत राज्य में शराब की कीमतों में वृद्धि होने की संभावना है। इस नीति के अनुसार, 19 धार्मिक स्थानों पर शराब की बिक्री बंद की जाएगी, जिससे होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए अन्य क्षेत्रों में शराब की कीमतों में वृद्धि की जाएगी।
मनमानी न हो इसलिए बदला नियम
दरअसल शराब निर्माता कंपनियों का तर्क होता है कि वे अपनी शराब दूसरे राज्यों में बेचती हैं और दूसरे राज्यों से तुलना करके कीमत बढ़ाती हैं। इसमें कंपनी मनमानी कीमत बढ़ा देती थी। अब मध्य प्रदेश सरकार ने नियम बदल दिया है।
सरकार तय करेगी MSP और MRP
अब मध्य प्रदेश में शराब की कीमतें पड़ोसी राज्यों के साथ तुलना करके तय की जाएंगी। शराब की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) को मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्यों में शराब पर वैट और कीमत की तुलना करके तय किया जाएगा ।
नई आबकारी नीति की खास बातें
नई नीति के तहत 1 अप्रैल 2025 से राज्य के 19 धार्मिक स्थलों पर शराब की बिक्री पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी। इन स्थलों में उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, अमरकंटक और सलकनपुर शामिल हैं। इस निर्णय से कुल 47 मिश्रित शराब की दुकानें बंद होंगी।
कितनी बढ़ेगी कीमत?
इन जगह शराब बैन की भरपाई के लिए सरकार ने कीमतें बढ़ाने का निर्णय लिया है। हालांकि सरकार कीमत कितने प्रतिशत बढ़ाएंगे इसकी स्थिति साफ नहीं है। अनुमानित है कि यह लगभग 10% तक हो सकती है। उदाहरण के लिए, यदि वर्तमान में शराब की कीमत 350 रुपए प्रति प्रूफ लीटर है, तो 10% वृद्धि के बाद यह 385 रुपए प्रति प्रूफ लीटर हो जाएगी।
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POS मशीनें अनिवार्य
नई नीति के अनुसार, सभी शराब दुकानों में POS (पॉइंट ऑफ़ सेल) मशीनें अनिवार्य की गई हैं। बिना POS मशीन के शराब बेचने पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा, और बार-बार नियम तोड़ने पर यह जुर्माना बढ़ता जाएगा।
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राजस्व बढ़ाने का लक्ष्य
मध्य प्रदेश सरकार को वर्तमान वित्तीय वर्ष में 15,000 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य है, जिसमें से 12,500 करोड़ रुपए पहले ही प्राप्त हो चुके हैं। यह लक्ष्य इस महीने तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा, वर्ष 2025-26 में शराब ठेकों की नीलामी से 17,000 करोड़ रुपए से अधिक की आय होने की उम्मीद है।
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