LOKSABHA ELECTION 2024 में नोटा से हारे 19 उम्मीदवार
मध्य प्रदेश बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में क्लीन स्वीप किया है। उसने राज्य की 29 की 29 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया है।चौंकाने वाली बात यह है कि इस चुनाव में 5 लाख से ज्यादा लोगों ने नोटा पर बटन दबाया है।
भोपाल लोकसभा सीट पर उतरे 22 में से 19 कैंडिडेट नोटा यानी None Of The Above से ही हार गए। सिर्फ 3 कैंडिडेट- BJP, कांग्रेस और बसपा उम्मीदवार ही 'नोटा' से ज्यादा वोट ला सके। भोपाल लोकसभा सीट पर कुल 14 लाख 99 हजार 334 वोट पड़े हैं। इनमें से सबसे ज्यादा बीजेपी के आलोक शर्मा को 9 लाख 81 हजार 109 वोट मिले। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के अरुण श्रीवास्तव रहे। तीसरे नंबर पर बसपा के भानु प्रताप सिंह रहे। इधर, 20 कैंडिडेट अपनी जमानत भी नहीं बचा सके हैं।
जब भी कोई चुनाव होते हैं तो उसके लिए जमानत राशि तय की जाती है। लोकसभा इलेक्शन लड़ने के लिए 25 हजार रुपए जमा किए गए थे। यह राशि तभी लौटती है, जब कोई कैंडिडेट कुल पड़े वोटों का 1.66 प्रतिशत हासिल कर लेता है। इतने वोट मिलने पर प्रत्याशी की जमानत राशि वापस मिल जाती है।
जानकारी के अनुसार- किसी भी कैंडिडेट को अपनी जमानत राशि बचाने के लिए करीब 25 हजार वोट लाने जरूरी थे, लेकिन बीजेपी-कांग्रेस को छोड़ बाकी कोई भी इतने वोट नहीं ला सका। इसलिए उन्हें जमानत राशि नहीं मिल सकेगी।
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नोटा रहा चौथे नंबर पर
भोपाल में नोटा को कुल 6621 वोट मिले हैं। इस हिसाब से वह चौथे नंबर पर रहा है। 10 छोटे दलों में से सभी 1 हजार से कम पर सिमटे। भाजपा, कांग्रेस, बसपा को छोड़कर 10 पॉलिटिकल पार्टियों के उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। इनमें 790-790 रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) और छत्रपति शिवाजी भारतीय गरीब पार्टी को मिले हैं। बाकी अन्य पाटियों में मौलिक अधिकार पार्टी को 720, भारतीय शक्ति चेतना पार्टी 588, क्रांति जन शक्ति पार्टी को 575 वोट मिले।