अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ ग्यारह लाख रुपए चंदा देने वाले मध्य प्रदेश के एक प्रसिद्ध संत के खाते से 90 लाख हड़पने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। साध्वी ने ही महंत कनकबिहारी के खाते से पैसे निकाले थे। अब साध्वी लक्ष्मीदास की अग्रिम जमानत खारिज हो गई है।
खुद को साध्वी लक्ष्मीदास बताने वाली रीना रघुवंशी ने महंत के बैंक अकाउंट से 56 लाख रुपए भोपाल के यस बैंक में अपने अकाउंट में ट्रांसफर किए थे, जबकि 34 लाख रुपए नजदीकियों के अकाउंट में ट्रांसफर किए गए हैं।
बता दें, साध्वी लक्ष्मीदास पर आरोप था कि उसने कनकबिहारी दास की मृत्यु के बाद उनके बैंक अकाउंट से फर्जी दस्तावेज दिखाकर 90 लाख रुपए निकाले है और फिर तब से फरार हो गई है।
12 जुलाई को हुई थी शिकायत
दरअसल 12 जुलाई को कनकधाम आश्रम के पदाधिकारियों ने थाने में साध्वी के खिलाफ पैसा हड़पने की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने साध्वी पर केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी। उससे पहले साध्वी ने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। इसमें कहा था कि महंत कनकबिहारी दास ने उसे बैंक अकाउंट का नॉमिनी बनाया था। सुनवाई के दौरान बैंक की तरफ से कोर्ट में दस्तावेज पेश किए गए। इसमें खुलासा हुआ कि कनकबिहारी दास ने किसी को नॉमिनी नहीं बनाया था।
कोर्ट ने इसी आधार पर साध्वी की जमानत याचिका खारिज की यानी महंत के अकाउंट से पैसा साध्वी ने ही निकाला है, ये बैंक दस्तावेज से साबित हो रहा है।
अब जानिए क्या है पूरा मामला
साध्वी लक्ष्मीदास फर्जी उत्तराधिकारी बनकर संत कनक बिहारी महाराज के बचत खाते से कब 90 लाख लेकर भाग गई थी। महंत ने जब खाते की डिटेल निकाली तब पता चला कि अकाउंट खाली है। संत कनक बिहारी महाराज के लोनिकला आश्रम के महंत श्याम दास ने बताया कि एक साल पहले अयोध्या से लौटते समय सड़क दुर्घटना में संत का निधन हो गया था। उन्होंने मुझे आश्रम का उतर्राधिकारी घोषित किया था। इसके अलावा किसी को भी उत्तराधिकार के अधिकार नहीं दिए थे।
फर्जी नॉमिनी बनकर उड़ाए 90 लाख
दरअसल, आश्रम को भी महाराज के इस बचत खाते की जानकारी नहीं थी। साध्वी लक्ष्मी को इस खाते के बारे में मालूम था, लेकिन उसने आश्रम प्रबंधन से कभी इसकी चर्चा नही की। चुपके से ही खाते से रकम निकालने के जुगत में लगी रही। मामला जब उत्तराधिकार प्रमाण पत्र का आया तब न्यायालय की कार्रवाई के दौरान यह खाता संज्ञान में आया।
आश्रम ने साध्वी के उत्तराधिकार आवेदन पर न्यायालय के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई थी और 12 सितंबर को सुनवाई होना था, लेकिन इसके पहले ही साध्वी ने ब्रम्हलीन संत कनक बिहारी महाराज के चौरई स्टेट बैंक शाखा के बचत खाते की फर्जी नॉमिनी बनकर 90 लाख की राशि का आहरण किया और तब से ही फरार है।
कौन है साध्वी लक्ष्मीदास
साध्वी लक्ष्मीदास का नाम पहले रीना रघुवंशी था। रीना खेजड़ा तिला गांव की रहने वाली हैं और अब भोपाल में रहती हैं। साध्वी उर्फ रीना रघुवंशी 2022 में खेजड़ा तिला गांव से सरपंच का चुनाव भी लड़ चुकी है। रीना के माता-पिता ने बताया कि वह घर में सबसे बड़ी है। उसकी एक बहन और एक छोटा भाई है। रीना की पढ़ाई विदिशा में हुई है। छोटी बहन की शादी भोपाल में हुई थी। उसके पति फार्मा इंडस्ट्री में हैं। फिलहाल वे साउथ अफ्रीका में हैं। भाई हर्ष भोपाल में है।
शादीशुदा है साध्वी
रीना के माता-पिता ने ये भी बताया कि इंदौर में उसकी शादी हुई थी। शादी के करीब 5 महीने तक वह ससुराल में रही। उसके बाद लौटकर आई तो फिर वापस नहीं गई। हालांकि साध्वी उर्फ रीना ने इस बात को साफ तौर से नकार दिया। साध्वी ने बताया कि उसकी इंदौर में सिर्फ सगाई हुई थी शादी नहीं। साध्वी लक्ष्मीदास का ये भी कहना है कि उनका परिवार से कोई लेना-देना नहीं है।
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