BHOPAL. मोहन सरकार के कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल की जाति को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की गई है। अनुसूचित जाति (एससी) से ताल्लुक रखने वाले सारंगपुर विधायक गौतम टेटवाल के जाति प्रमाण पत्र को लेकर चुनौती दी गई। मामले में मामले में याचिकाकर्ता का कहना कि जब परिजन पिछड़ा वर्ग से हैं तो मंत्री टेटवाल अनुसूचित जाति से कैसे हो सकते हैं?
एससी नहीं, ओबीसी वर्ग से हैं गौतम टेटवाल
याचिका में आरोप लगाया गया कि गौतम टेटवाल ने फर्जी तरीके से अपने एससी के होने का प्रमाणपत्र बनवाकर राजगढ़ जिले की सारंगपुर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा, जबकि वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में आने वाले जिनगर समुदाय के हैं। यह जानकारी याचिकाकर्ता के वकील ने दी। वकील धर्मेंद्र चेलावत ने बताया कि याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है।
जिनगर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं टेटवाल
इंदौर हाईकोर्ट में विधायक गौतम टेटवाल के खिलाफ याचिका राजगढ़ जिले के निवासी जितेंद्र कुमार मालवीया ने दायर की है। याचिकाकर्ता मंत्री टेटवाल की पार्टी से ही हैं। यह याचिका बीजेपी अनुसूचित जाति जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र मालवीय ने एडवोकेट धर्मेंद्र चेलावत से याचिका लगवाई है। याचिका को लेकर एडवोकेट धर्मेंद्र चेलावत ने बताया कि गौतम टेटवाल ओबीसी में आने वाले जिनगर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन उन्होंने फर्जीवाड़े के जरिए उस मोची समुदाय का जाति प्रमाण पत्र बनवा लिया जो एससी के तहत आती है।
कोर्ट में पेश किए दस्तावेज
वकील ने आगे बताया कि याचिका के साथ टेटवाल के रक्त संबंधियों से जुड़े अलग-अलग दस्तावेज भी उच्च न्यायालय में पेश किए गए हैं। दस्तावेजों में उनकी जाति कथित तौर पर जिनगर दर्शाई गई है। याचिका के जरिये अदालत से गुहार लगाई गई है कि टेटवाल से जुड़ा रिकॉर्ड तलब किया जाए और इसके आधार पर उनके जाति प्रमाणपत्र की जांच कराई जाए।
बता दे कि राजगढ़ जिले की सारंगपुर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। और नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में गौतम टेटवाल ने बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ा था, टेटवाल ने कांग्रेस प्रत्याशी कला महेश मालवीय को 23 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।
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